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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य कमेटी के आह्वान पर एक दिवसीय धरना


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य कमेटी के आह्वान पर आज विभिन्न स्थानों पर एक दिवसीय धरना देकर महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार नई दिल्ली को 15 सूत्री मांगपत्र जिलाधिकारी के माध्यम से भेजें हैं।   भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जनपद अयोध्या के जिला सचिव कामरेड रामतीर्थ पाठक के नेतृत्व में उन्हीं के आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने लाकडाउन के तहत सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए धरना दिया। उनके साथ कामरेड अवध राम यादव ,अरुण पांडे, राम जगत यादव, दीपक वर्मा, अनिरुद्ध पांडे, मोहम्मद नसीम धरने में शामिल रहे। का, पाठक ने धरनास्थल पर अपने संबोधन में कहा कि कोरोनावायरस से उत्पन्न बीमारी से निपटने के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने लाकडाउन को मनमाने और बचकाने तरीकों से लागू किया है , जिससे देश का मजदूर एवं मध्यम वर्ग भारी संकट में घिर गया है। आम जनता को संकट से उबारने के लिए संजीदा प्रयास करने के बजाए केंद्र व प्रदेश की सरकारें ने इस भीषण संकट का भार आम आदमी खासकर मजदूर वर्ग पर थोप रहीं हैं । इस संकटकाल में भी केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारें सांप्रदायिक कार्ड खेलने से बाज नहीं आ रही हैं। संकट और भी गहराता जा रहा है ,मजदूरों, किसानों लघुउद्यमियों,छोटेदुकानदारों , व्यापारियों और आमजन को यदि संकट से निकाला नहीं गया तो देश और प्रदेश की जनता को अभूतपूर्व हानि उठानी पड़ सकती है। इसी क्रम में अयोध्या महानगर कमेटी की ओर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी महानगर कमेटी अयोध्या के सचिव कामरेड अखिलेश चतुर्वेदी के रामघाट खालेपुरवा स्थित आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने कामरेड संपूर्णानंद बागी जिला सहायक सचिव भाकपा के नेतृत्व में सांकेतिक धरना दिया और महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार नई दिल्ली को सम्बोधित 15 सूत्री ज्ञापन पुलिस चौकी प्रभारी रायगंज कोतवाली अयोध्या नगर जे एम त्रिपाठी ने धरना स्थल पर पहुंचकर लिया। इस धरने में कामरेड अखिलेश चतुर्वेदी, कामरेड बृजेंद्र श्रीवास्तव, कामरेड राजकपूर ने शिरकत की । इस अवसर पर कामरेड अखिलेश चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण डीजल व पेट्रोल के दामों में भारी वृद्धि की गई है इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए । महामारी का सारा भोज आम जनता पर न डाल कर देश के अमीरों पर अधिक टैक्स लगाया जाए। ज्ञापन में मांग की गई है कि संगठित और असंगठित सरकारी और गैर सरकारी विभागों में संविदा अथवा अन्य तरह के श्रमिकों के बकाया वेतन का भुगतान किया जाए । समस्त प्रवासी मजदूरों की घर वापसी सरकारी खर्चे पर शीघ्र से शीघ्र सुनिश्चित करते हुए हर एक श्रमिक को ₹7500 की एकमुश्त मदद तत्काल दी जाए । राशनकार्ड धारक व गैर राशनकार्डधारी हर परिवार को 35 किलो खाद्यान्न हर माह मुफ्त में देना सुनिश्चित किया जाए। हर व्यक्ति को पूर्ण रोजगार देना सुनिश्चित किया जाए। कैंसर, टीवी, हार्ट, किडनी जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज की व्यवस्था की जाए । बंद अस्पताल खोले जाएं, जिसमें सभी का इलाज सुनिश्चित किया जाए ,गर्भवती महिलाओं के लिए घर पर ही कंसल्टेशन और प्रसूति की व्यवस्था कराई जाए। किसानों के उत्पादों का उचित मूल्य पर खरीदना सुनिश्चित किया जाए । मंडी कानून में किसान विरोधी किए गए संशोधन वापस लिए जाएं ।कुटीर - लघु उद्योग , मध्यम उद्योग और छोटे व्यापारियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की जाए। कोरोनावायरस से उत्पन्न बीमारी के अलावा लाकडाउन की विभिन्न कमजोरियों से अब तक मृत श्रमिकों के परिवारों को पचास- पचास लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। सभी की मुक्त करोना जांच कराई जाए तथा उन्हें मुफ्त चिकित्सा मुहैया कराई जाए। दलितों ,अल्पसंख्यकों और महिलाओं का उत्पीड़न तथा उन पर हो रही हिंसा तत्काल प्रभाव से रोकी जाए। लाकडाउन के नाम पर नागरिकों को जेल भेजना, पीटना, उन्हें बेइज्जत करना तथा जुर्माना वसूलना बंद किया जाए। भाजपा सरकारों द्वारा की जा रही सांप्रदायिकता व नफरत की राजनीति बंद की जाए। कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए सभी दलों की बैठकर हर स्तर पर बुलाई जाएं और संयुक्त समितियां बनाई जाएं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रम कानूनों को 3 साल के लिए रद्द करने और काम के घंटे बढ़ाने का लिया गया निर्णय तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए क्योंकि यह निर्णय लाकडाउन से लुटे- पिटे मजदूरों पर आजादी के बाद का सबसे बड़ा हमला है।


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