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अपोलो नवी मुंबई में शुरू होगा 'इंस्टिट्यूट ऑफ़ क्लिनिकल ओबेसिटी एंड मेटाबोलिज़म'

अपोलो नवी मुंबई में शुरू होगा 'इंस्टिट्यूट ऑफ़ क्लिनिकल ओबेसिटी एंड मेटाबोलिज़म'


मोटापा भारत के शहरी और अर्ध शहरी इलाकों में बढ़ता एपिडेमिक है


नवी मुंबई - अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में 14 जून, 2025 को एक अत्याधुनिक इंस्टिट्यूट ऑफ क्लिनिकल ओबेसिटी एंड मेटाबोलिज़म का उद्घाटन होने जा रहा है। इस क्षेत्र में बढ़ते मोटापे के संकट को दूर करना इस पहल का उद्देश्य है। यह क्लिनिक वज़न प्रबंधन के लिए एक मल्टी-डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण प्रदान करेगा, जिसमें लोगों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुरूप मेडिकल, पोषण और मनोवैज्ञानिक सहायता का संयोजन किया जाएगा।


भारत एक बड़ी गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती का सामना कर रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार मोटापा कई बीमारियों का एक प्रमुख कारण है। हृदय संबंधी स्थितियां, टाइप 2 मधुमेह और कुछ कैंसर मोटापे की वजह से होते हैं। ये बीमारियां अक्सर सिस्टमिक इन्फ्लेमेशन से जुड़ी होती हैं, जो रक्त वाहिकाओं और अंगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, और कई  गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकती हैं। इसलिए मोटापे को संबोधित करना न केवल वज़न प्रबंधन के लिए बल्कि इन जानलेवा बीमारियों की रोकथाम के लिए भी महत्वपूर्ण है।


बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है, यह और भी चिंताजनक बात है। लैंसेट के एक अध्ययन का अनुमान है कि भारत में 5 से 19 वर्ष की आयु के लगभग 12.5 मिलियन बच्चे 2022 में मोटापे से ग्रस्त हो जाएंगे। यह संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। 1990 में 0.4 मिलियन से इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों, शक्कर मिले हुए पेय पदार्थों की बढ़ती खपत, स्क्रीन पर बहुत ज़्यादा समय बिताना और शारीरिक गतिविधियां बहुत ही कम कम करना इस समस्या के प्रमुख कारण हैं।


अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई में इंस्टिट्यूट ऑफ क्लिनिकल ओबेसिटी एंड मेटाबॉलिज़म मोटापे के मूल कारणों को दूर करने वाली व्यापक देखभाल प्रदान करके इन चुनौतियों का मुकाबला करना चाहता है। व्यक्तिगत उपचार योजनाओं और जीवनशैली में सस्टेनेबल बदलाव पर ध्यान केंद्रित करके, मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करना क्लिनिक का उद्देश्य है।


डॉ.संजय खरे, चीफ कंसल्टेंट-बैरिएट्रिक मेडिसिन के डायरेक्टर, अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई ने कहा,"पूरे देश में हम जो देख रहे हैं, उसकी पुष्टि हमारे अनुभवों से भी हुई है: भारत तेज़ी से मोटापे की ग्लोबल कैपिटल बन रहा है और खास तौर पर बच्चों में मोटापा काफी ज़्यादा बढ़ रहा है। यह सिर्फ वज़न के बारे में नहीं है - मोटापा गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि बहुत कम उम्र में मधुमेह होना, हार्मोनल असंतुलन और हृदय संबंधी जोखिमों का मूल कारण है। हमारे क्लिनिक के साथ, हम एक विज्ञान-संचालित, समुदाय-आधारित पहल शुरू कर रहे हैं जो स्कूलों, समाजों और परिवारों के माध्यम से जल्द से जल्द निदान, व्यक्तिगत परामर्श और जीवनशैली में दीर्घकालिक परिवर्तन को प्राथमिकता देता है।"


श्री अरुणेश पुनेथा, पश्चिमी क्षेत्र के रीजनल सीईओ, अपोलो हॉस्पिटल्स ने कहा,"इस क्लिनिक को शुरू करके, अपोलो निवारक स्वास्थ्य सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत करता है। डॉक्टरों, आहार विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों, फिजियोथेरेपिस्ट और वेलनेस विशेषज्ञों से युक्त एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम उस व्यक्ति के लिए एक अनुकूलित योजना प्रदान करती है जो उन्हें स्वस्थ जीवन शैली की ओर उनकी यात्रा में प्रोत्साहित करती है। हम केवल मोटापे का इलाज नहीं कर रहे हैं - हम अपने बच्चों से शुरू करके ज़मीनी स्तर पर जागरूकता, निदान और शिक्षा को बढ़ावा देकर सामुदायिक स्वास्थ्य को बदल रहे हैं।"


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