ठाणे : वैश्विक कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन शुरू है और नित नए मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है. इससे लग रहा है कि शायद लॉकडाउन की सीमा और बढ़ाई जा सकती है. ऐसे में व्यपारियों को आर्थिक मंदी का डर सता रहा है. ठाणे के कुछ व्यापारियों का कहना है कि इस कोरोना महामारी ने उनकी रीढ़ तोड़कर रख दी है. यदि लॉक डाउन की सीमा बढ़ी तो हालत और भी गंभीर हो सकते हैं. व्यापारियों का मानना है कि जब से कोरोना महामारी का प्रकोप फैलना चालू हुआ तब से देश की आर्थिक मंदी में बर्बादी की आहुति डालने का काम कोरोना ने किया है. आज सभी जगह लॉकडाऊन से पूरा बाजार, व्यापार, इंडस्ट्रीज़, जहां की तहां ठप हो गई है. कोई भी व्यापार सही तरीके से नहीं चल रहा है. ऊपर से व्यापारियों के जो दैनिक या मासिक खर्च, बैंकों की किस्त, व्याज इत्यादी तमाम तरह के खर्चे व्यापारियों की कमर तोड़ रहे हैं. आज सरकार गरीबों को मुफ्त राशन पानी की घोषणा कर रही है. उद्योगपतियों को मजदूरों की तनख्वाह नहीं काटने की अपील कर रही है परंतु इसमें काफी मध्यमवर्गीय व्यापारियों की रीढ़ टूट जाएगी. अगर लंबे समय तक लाॅकडाउन चला तो बहुत ही दयनीय स्थिति हो जाएगी. यहां तक की व्यापारियों को आत्महत्या करनी पड़ जाएगी.
ठाणे के व्यवसायी महावीर शर्मा का कहना है कि सरकार आम जनता को सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है जो सरहनीय कदम है. लेकिन इसी के साथ देश के तमाम व्यापारी वर्ग को भी सहयोग करना चाहिए. उनके जो खर्चे सरकार के अन्तर्गत आते हैं जैसे जीएसटी का पेमेंट, बैंकों की किस्तें आदि को रोक देना चाहिए या सरकार द्वारा भरे जाएं. इसके अलावा अन्य प्रकार के ब्याज को माफ करना चाहिए. इससे जो देश का व्यापारी वर्ग है, उसे काफी सहयोग मिलेगा. शर्मा का कहना है कि उपरोक्त सभी समस्याओं के बावजूद हम जनता की सेवा के लिए तत्पर हैं. जरूरतमंदों को खाना बांटना हो, पुलिस प्रशासन के खाने-पीने की मदद हो या ट्रैफिक कर्मचारियों को चाय-नाश्ता इत्यादि देना, मास्क वितरण करना हो या गरीब परिवारों को राशन की किट बांटना हो, हम हमेशा तत्पर रहते हैं.