गैंगमैन ने पटरी पार कर रहे पैसेंजर की बचाई जान, खुद जख्मी

 मुंबई, वेस्टर्न रेलवे के एक गैंगमैन ने ट्रैक पार कर रहे एक शख्स की जान बचाकर मिसाल कायम की है। हालांकि इस दौरान वह बांद्रा से आ रही लोकल ट्रेन की चपेट में आ गए। उनको कई फ्रैक्चर हुए हैं। लेकिन जिस तरह से उन्होंने बहादुरी दिखाई है, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। गैंगमैन चंद्रकांत माद्रे (54) के कंधों की हड्डियों को काफी नुकसान पहुंचा है। काफी व्यस्त समय पर जब एक पैसेंजर छह रेलवे ट्रैक वाले सेक्शन को पार करने की कोशिश कर रहा था तो यह घटना हुई। बाल-बाल बचा यात्री दुरंतो एक्सप्रेस से आया था, जो कि अंधेरी और जोगेश्वरी के बीच सुबह 9.30 बजे चर्च गेट वाली लाइन पर रुकी थी। एक बुजुर्ग चश्मदीद ने बताया कि ट्रेन से उतरने के बाद अपना सामान लेकर एक शख्स ट्रैक पार कर रहा था। वह कालवा ब्रिज तक पहुंचना चाह रहा था जो लोगों को सीधे एक शॉर्टकट रास्ते से मुख्य सड़क पर पहुंचा देता है। 

माद्रे और आठ अन्य गैंगमेन ट्रैक की मरम्मत का काम कर रहे थे। मौके पर मौजूद वेस्टर्न रेलवे के एक कर्मचारी ने कहा, 'रेल लाइन पार करते समय दुरंतो एक्सप्रेस का यात्री केवल एक दिशा से आ रही ट्रेनों को ही देख रहा था। व्यस्ततम समय होने की वजह से दोनों दिशाओं से ट्रेनें आ रही थीं। माद्रे को एहसास हुआ कि यात्री की जान खतरे में है। वह तेजी से उसे सचेत करने के लिए आगे बढ़े।' 

माद्रे ने इस दौरान विरार की तरफ जाने वाली स्लो लाइन के पास यात्री को रोक लिया। उन्होंने उससे ट्रैक के एक तरफ रुकने को कहा। वेस्टर्न रेलवे के एक कर्मचारी ने बताया, 'उस यात्री की जिंदगी बचाते हुए वह अपनी सुरक्षा के बारे में बेफिक्र हो गए। जब वह दोबारा गैंगमैन साथियों के पास जाने लगे तो बांद्रा से चलने वाली लोकल ट्रेन की चपेट में आ गए।' 

हादसे के तुरंत बाद ड्राइवर ने ट्रेन रोकी और दूसरे गैंगमेन माद्रे की मदद के लिए पहुंच गए। वे उन्हें मोटरमैन केबिन में ले गए और ट्रेन अंधेरी स्टेशन तक पहुंची तो एक ऐम्बुलेंस को वहां पहले से बुला लिया गया था। माद्रे को विले पार्ले के कूपर अस्पताल में ऐडमिट कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि कि उनकी सर्जरी करनी पड़ेगी और पूरी तरह से उन्हें ठीक होने में दो साल तक लग सकते हैं। ऐडमिनिस्ट्रेटिव मेडिकल अफसर डॉ. शिवप्रकाश ने बताया, 'वह 54 साल के हैं इसलिए उनकी रिकवरी धीरे होने की संभावना है। अभी यह कहना मुश्किल है कि आगे वह कब भारी काम में लग सकेंगे।' 

माद्रे के परिवार में पत्नी और एक बेटा है। उनका 24 साल का बेटा वर्सोवा की एक डेटा फर्म में काम करता है, वहीं 12 साल की लड़की अभी स्कूल में पढ़ती है। बेटे अजय का कहना है कि जिस यात्री की उनके पिता ने जान बचाई उसने हादसे के बाद हालचाल तक जानने की कोशिश नहीं की। अजय ने बताया, 'वह अस्पताल नहीं पहुंचे। मेरे पिता काफी पीड़ा में हैं। उन्हें यह नहीं याद है कि उन्हें एक ट्रेन ने टक्कर मार दी थी। हकीकत में उनको उस दिन के बारे में कुछ भी याद नहीं है।' 

माद्रे को जगजीवन राम अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। वेस्टर्न रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रविंद्र भाकर ने माद्रे की प्रशंसा करते हुए कहा, 'हमें अपने कर्मचारी पर गर्व है। लेकिन हम यात्रियों से अपील करते हैं कि रेलवे ट्रैक को पार करने की कोशिश न करें। यह हादसा बताता है कि ऐसा करने से खुद के साथ दूसरे की जान भी खतरे में पड़ जाती है।' 



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