कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दोषी ठहराने और उम्रकैद की सजा देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. दंगा पीड़ितों के प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने कहा कि शीर्ष अदालत रजिस्ट्री ने उन्हें बताया कि सज्जन कुमार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है.
उन्होंने कहा कि दंगा पीड़ित इस मामले में सज्जन कुमार के पक्ष में एकतरफा सुनवाई रोकने के लिए ‘कैविएट’ पहले दायर कर चुके हैं. हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को राजनगर क्षेत्र में 1984 के सिख विरोधी दंगों के संबंध में इस साल 17 दिसंबर को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
यह मामला एक-दो नवंबर 1984 को दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कॉलोनी के राजनगर पार्ट एक क्षेत्र में पांच सिखों की हत्या और राजनगर पार्ट दो में गुरुद्वारे को जलाने से जुड़ा है. ये दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या करने के बाद हुए थे.
शुक्रवार को हाईकोर्ट ने सजा के सिलसिले में आत्मसमर्पण के लिए सज्जन कुमार को 30 जनवरी तक का समय देने से इंकार कर दिया था. जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की पीठ ने कहा था कि उसको सज्जन कुमार को राहत देने के लिए कोई आधार नहीं दिखता है. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक अदालत ने पूर्व कांग्रेस नेता से 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण करने को कहा था.