बढ़ती गर्मी में काकडी खाने लगी भाव, बाजार में 50 पार
नवी मुंबई। वर्तमान में बढ़ती गर्मी के कारण बाजार में ठंडे पेय के साथ-साथ ठंडी सब्जियां और फल की मांग बढ़ गई है. इनमें साल भर खाया जाने वाला काकडी (खीरा) वर्तमान बाजार में काफी भाव खा रहा है, जो कि खुदरा बाजार में काकडी 50 का आंकड़ा पार कर गया है।
काकडी का तीनों ऋतुओं में सेवन किया जाता है. हालाँकि गर्मियों में यह बहुत महंगा हो जाता है. गर्मियों में शरीर के लिए आवश्यक एंव पानी और पोषक तत्व प्रचुर मात्रा पाए जाने वाले काकडी की मांग बाजार में काफी बढ़ गई हैं.वर्तमान में भीषण गर्मी जोर पकड़ने लगी है. गर्मियों में धूप का चटका अच्छेशरीर को भी हानि पहुंचाने से विभिन्न प्रकार के ठंडे पेय पीने और गाजर, चुकंदर, कलीगद, नारियल पानी के साथ-साथ ठंडी सब्जियां और फल खाने की प्रवृत्ति नागरिको में बढ़ गई है।
काकडी अपने शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए सबसे अच्छा है और पौष्टिक भी है. शरीर में निर्जलीकरण को रोकने और स्वस्थ त्वचा को बनाए रखने के लिए काकडी उपयोगी और फायदेमंद माना जाता है. काकडी में लगभग 25 प्रतिशत पानी होता है. इसलिए गर्मियों में काकडी खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती. इसीमें यदि यह ताजा या पका हुआ है, तो इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है. बाजार में कुछ काकडी सफेद छिलके के साथ उपलब्ध होते हैं, जबकि कुछ हरे छिलके के साथ. सर्दियों में 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाले काकडी की कीमत अब खुदरा बाजार में 50 रुपये को पार कर गई है. जैसे-जैसे गर्मियां बढ़ती हैं, इसकी कीमत बढ़ती जाती है. खुदरा बाजार में हरी काकडी और सफेद काकडी की कीमत 50 से 55 रुपये प्रति किलोग्राम है। व्यापारियों का कहना है कि गर्मी बढ़ने पर काकडी का भाव 60 रुपये के आसपास पहुंच जाएगा।
कोड-
काकडी (खीरा) या कलिंगड में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं. इसे खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और कब्ज से राहत मिलती है. यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी और के के साथ-साथ भरपूर मात्रा में पानी भी मिलता है।
-डॉ. प्रशांत जवादे,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नवी मुंबई मनपा