भुवनेश्वर, तीन बार की चैंपियन नीदरलैंड्स ने भुवनेश्वर में खेले जा रहे 14वें हॉकी विश्व कप के पूल-डी के दिन के दूसरे मुकाबले में रविवार को चार बार की विजेता पाकिस्तान को एकतरफा मुकाबले में 5-1 से शिकस्त दी। इस जीत के बावजूद नीदरलैंड्स की टीम सीधे क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही। हालांकि, वह अपने पूल में दूसरे स्थान पर रहते हुए क्रॉसओवर दौर में पहुंच गई। पाकिस्तान भी तीसरे स्थान पर रहते हुए क्रॉसओवर दौर में पहुंचने में सफल हुई। पूल-डी में जर्मनी ने अपने तीनों मैच जीते हैं और वह पूल में शीर्ष रहकर सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंची। अब नीदरलैंड्स की टीम क्वार्टर फाइनल में भारत से भिड़ सकती है, लेकिन इससे पहले उसे क्रॉसओवर में कनाडा को हराना होगा। नीदरलैंड्स की ओर से थिएरी ब्रिंकमैन (सातवें मिनट), वेलेंटिन वर्गा (27वें मिनट), बॉब डे वोग्ड (37वें मिनट), जॉरिट क्रून (47वें मिनट) और मिंक वान डेर वीयरडन (59वें मिनट) ने गोल दागे, जबकि पाकिस्तान की ओर से एकमात्र गोल उमर भुट्टा (नौवें मिनट) ने किया।
नीदरलैंड्स और पाकिस्तान के बीच मुकाबला पूरी तरह एकतरफा रहा। कप्तान मुहम्मद रिजवान और कोच हसन सरदार की कोशिशें नीदरलैंड्स के खिलाफ पाकिस्तान को हार से नहीं बचा सकीं। पहले ही क्वार्टर में पाकिस्तान के ऊपर नीदरलैंड्स ने आक्रमण किए और शुरुआती मिनटों में पेनाल्टी कॉर्नर मिला। पाकिस्तान के खिलाड़ियों का नीदरलैंड्स को जगह देना महंगा पड़ा। पाकिस्तान का डिफेंस एकदम तितरा बितरा नजर आया। पाकिस्तान ने गेंद को कब्जे में रखकर डिबल करने की पुरानी आदत एक बार फिर दिखाई। नीदरलैंड्स की ओर से सातवें मिनट में थिएरी ब्रिंकमैन ने पहला गोल किया। यह एक बेहद व्यवस्थित गोल था जिसे राइट इन ने ब्रिंकमैन को पास दिया, जो गोलकीपर के पास एक दम अकेले खड़े थे। उन्होंने गेंद रोकी और गोल पोस्ट में धकेल दी।
दो मिनट बाद ही पाकिस्तान ने बराबरी का गोल दागा। तब पाकिस्तान को एक के बाद एक तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिले और आखिरकार नौवें मिनट में उमर भुट्टा ने पाकिस्तान को बराबरी दिलाई और अपनी टीम के मनोबल को आगे बढ़ाने का काम किया। यहां लगा कि पाकिस्तान, नीदरलैंड्स के आक्रमण को आगे संभाल लेगा। पहले क्वार्टर की समाप्ति तक नीदरलैंड्स का पलड़ा भारी था और गेंद पर 53 फीसदी समय तक कब्जा नीदरलैंड्स ने ही बनाए रखा। दूसरे क्वार्टर में 18वें मिनट में नीदरलैंड्स को पेनल्टी कॉर्नर मिला। नीदरलैंड्स ने अच्छी कोशिश की, लेकिन गोल नहीं हो सका। इसके बाद पाकिस्तान की टीम गेंद को 16 गज की सीमा से बाहर नहीं निकाल पा रही थी। नीदरलैंड्स के खिलाड़ी हर जगह मुस्तैद नजर आ रहे थे जिसकी वजह से पाकिस्तान के खिलाड़ी लंबी-लंबी हिट मार रहे थे। दूसरे क्वार्टर में मिड फील्ड पर ज्यादातर समय खेल देखने को मिला। इस दौरान पाकिस्तान को चौथा पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन उसके खिलाड़ी गोल करने में असफल रहे।
पाकिस्तान के खिलाड़ियों की गलत पासिंग इस मुकाबले में भी देखने को मिल रही थी। लेफ्ट साइड से पाकिस्तान के खिलाड़ी ने सेंटर फॉरवर्ड को पास देने की कोशिश की, लेकिन एक बार फिर गलत पास की वजह से नीदरलैंड्स ने जवाबी हमला बोला, जिसके बाद वेलेंटिन वर्गा ने बेहतरीन तालमेल के साथ नीदरलैंड्स के लिए गोल दाग दिया। इस गोल को पाकिस्तान का डिफेंस देखता रह गया। दूसरे हाफ में पाकिस्तान ने गेंद पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश की, शुरुआती तीन मिनट बाद ही नीदरलैंड्स ने आक्रमण शुरू कर दिया। यहां उसे एक पेनल्टी कॉर्नर तो मिला लेकिन इसका वह फायदा नहीं उठा सका। पाकिस्तान के गोलकीपर ने दायीं ओर से अच्छा बचाव किया।
37वें मिनट में नीदरलैंड्स के लिए बॉब डे वोग्ड ने गोल किया। लेफ्ट हाफ से ऊपर से जिरॉन हट्र्जबर्गर ने बॉब की ओर गेंद उछाली, जिसे उन्होंने गोल में तब्दील किया। नीदरलैंड्स लगातार गेंद को अपने कब्जे में बनाए रखे था। नीदरलैंड्स ने चौथे क्वार्टर में 47वें मिनट में ही बायीं ओर के आक्रमण के जरिये पेनाल्टी कॉर्नर हासिल किया। इस पर जॉरिट क्रून ने गोल किया। 56वें मिनट में नीदरलैंड्स को एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार उसे सफलता हाथ नहीं लगी। इसी दौरान पाकिस्तान को भी एक पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसका कोई फायदा उनको नहीं मिल सका। इसके बाद 58वें मिनट में पाकिस्तान के खिलाड़ी ने गोल बचाने के चक्कर में अपनी ही डी के अंदर अपने ही साथी खिलाड़ी के पैर में गेंद दे मारी, जिसकी वजह से नीदरलैंड्स को पेनाल्टी कॉर्नर मिला। इस बार मिंक वान डेर वीयरडन ने गोल किया। इस मैच में कुल मिलाकर नीदरलैंड्स ने पाकिस्तान पर अपना लगातार दबदबा बनाए रखा और जीत हासिल की। हालांकि, नीदरलैंड्स ने भी अपनी ख्याति के विपरित ठहराव वाली हॉकी खेली। उन्होंने पूरी तरह से खेल का अध्ययन किया और फिर खेले। उसे जब-जब मौके मिले, उसने उसका उपयोग किया और सफल हुए।
इस मुकाबले के दौरान 25 बार उसके खिलाड़ी पाकिस्तान की डी में घुसे, जबकि पाकिस्तान केवल 10 बार इसमें कामयाब रहा। पाकिस्तान की ओर से केवल इरफान जूनियर, बट्ट अहमद और अमाद बट्ट और मुहम्मद रिजवान ही प्रभावित कर पाए।