घंटे के हिसाब के शिक्षकों का जीना हुआ मुश्किल,
मानधन बढ़ाने की मांग
नवी मुंबई। घंटो के हिसाब के शिक्षकों को सफाई कर्मचारियों से भी कम मानधन दिए जाने से आजीविका की बड़ी समस्या निर्माण हुई है. इसलिए इन शिक्षकों ने मनपा प्रशासन से मानधन बढ़ोतरी की मांग किये है. साथ ही शिक्षकों ने शासनादेश के अनुसार प्रतिमाह एक छोटी छुट्टी भी दिए जाने की मांग किये है।
नवी मुंबई मनपा शिक्षा विभाग में स्थायी शिक्षक, अनुबंध के आधार पर और प्रति घंटे के आधार पर प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक कार्यरत हैं. वर्तमान में 132 शिक्षक प्रति घंटे के आधार पर कार्य कर रहे हैं. कम वेतन के कारण कई शिक्षकों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है. इस बीच, आदिवासी विकास विभाग के आदेश के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष जून 2024 में शिक्षकों का प्रति घंटा वेतन 170 रुपये प्रति घंटा और माध्यमिक शिक्षकों का 190 रुपये प्रति घंटा जारी किया गया है. जो विद्यालय दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित हैं और जहां आवास और भोजन की सुविधा प्रदान की जाती है. उसकी तुलना में मुंबई जैसे महंगे शहर में, राज्य के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों से योग्यता के आधार पर चुने जाने वाले घंटे के आधार पर के शिक्षकों को बहुत कम मानधन दिया जा रहा है. यह मानधन आंगनवाड़ी शिक्षकों और सफाईकर्मियों के वेतन से भी कम है. गणपति, दिवाली समेत अन्य त्योहारों और सरकारी छुट्टियों को देखते हुए प्राथमिक घंटे के आधार पर के शिक्षकों को 10 से 12 हजार रुपये और माध्यमिक शिक्षकों को 16 से 18 हजार रुपये मिल रहे हैं. जिसके कारण इतने कम मानधन में घंटे के आधार पर के शिक्षकों के लिए जीविकोपार्जन और जीवन कैसे जिया जाए ऐसा बड़ा सवाल निर्माण हुआ है. शिक्षा जैसे ज्ञान प्रदान करने के अति पवित्र कार्य में घंटे के आधार के शिक्षकों का जीवन जीना कठिन हो गया है. प्रति घंटा शिक्षकों को प्रति माह एक लघु अवकाश दिया जाना चाहिए. प्राथमिक शिक्षकों के लिए 200 रु प्रति घंटा और माध्यमिक शिक्षकों को प्रति घंटे 225 रुपये का मानधन दिया जाए ऐसी मांग शिक्षकों ने की है.