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हाईकोर्ट द्वारा सख्त रुख अपनाने के बाद ठाणे मनपा की बड़ी कारवाई

 हाईकोर्ट द्वारा सख्त रुख अपनाने के बाद ठाणे मनपा की बड़ी कारवाई

मुंब्रा । अवैध निर्माण के गढ़ के रूप में बदनाम हो चुके मुंब्रा दिवा  इलाके में 17 अवैध इमारतों के मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट द्वारा सख्त रुख अपनाने के बाद ठाणे मनपा आयुक्त सौरभ राव को शुक्रवार को खुद दीवा प्रभाग जाकर उन इमारतों के खिलाफ कार्रवाई करने की शर्मिंदगी उठानी पड़ी। जस्टिस जी.एस. कुलकर्णी और आरिफ एस. डॉक्टर ने इस मामले में कोर्ट के एक विशेष अधिकारी को नियुक्त कर उन्हें सुबह आयुक्त राव के दफ्तर में उपस्थित रहने का आदेश दिया। इसके अनुसार कोर्ट के अधिकारी सुबह मनपा मुख्यालय गए और आयुक्त राव और वहां मनपा के संबंधित अधिकारियों को लेकर दीवा में 'उन' इमारतों का निरीक्षण करने लगे। जब पूरा मनपा अवैध निर्माण की चपेट में है, ऐसे में खुद दीवा जाकर मनपा आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई करने का समय निकालना ठाणे में व्याप्त अवैध प्रशासन के मुंह पर तमाचा माना जा रहा है। पिछले कुछ सालों से पूरे ठाणे मनपा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण होने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। कौसा में लकी कंपाउंड हादसे के बाद लगातार इस तरह के निर्माणों पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही थी। दरअसल, पिछले कुछ सालों में कलवा, मुंब्रा, दिवा और डायघर इलाकों में सैकड़ों अवैध इमारतें खड़ी की गई हैं। पिछले ढाई से 3 सालों में बदले राजनीतिक हालात में ये निर्माण सही तरीके से होने लगे हैं। इस पृष्ठभूमि में दीवा में 18 अवैध इमारतों के मामले की सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि इन इमारतों का मनपा आयुक्त की मौजूदगी में निरीक्षण किया जाए और रिपोर्ट पेश की जाए, जिससे आयुक्त सौरभ राव को शुक्रवार सुबह दीवा की ओर कूच करना पड़ा।


कोर्ट ने दीवा मामले में विवादित स्थल यानी ग्रुप 178, 179 और 180, शिल में 17 अवैध इमारतों का निरीक्षण करने के लिए स्थानीय कोर्ट के जरिए सक्षम अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारी शुक्रवार सुबह मनपा मुख्यालय में आयुक्त कार्यालय पहुंचे और वहां से आयुक्त और संबंधित अधिकारियों को लेकर दीवा में विवादित स्थल का दौरा करें। न्यायालय अधिकारी सुबह 10.15 बजे ठाणे महानगर आयुक्त कार्यालय में रिपोर्ट करेंगे तथा 11 बजे घटनास्थल का दौरा करेंगे। न्यायालय ने आदेश दिया था कि दीवा में इतनी गंभीर कुव्यवस्था होने के कारण महानगर आयुक्त को इस निरीक्षण के दौरान घटनास्थल पर उपस्थित रहना चाहिए। न्यायालय अधिकारी महानगर पालिका के खर्च पर उस स्थान की फोटो तथा वीडियो लेंगे तथा रिपोर्ट के साथ न्यायालय को प्रस्तुत करेंगे। न्यायालय अधिकारी तथा महानगर पालिका के अधिकारियों को सशस्त्र पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। न्यायालय ने यह भी कहा था कि इस आदेश की एक प्रति ठाणे पुलिस आयुक्त को भेजी जाए। न्यायालय ने ठाणे जिला न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि वे एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी नियुक्त करें तथा महानगर पालिका के अधिकारियों तथा आयुक्त सहित इन अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच करके उनकी जिम्मेदारी निर्धारित करें। इस जांच की रिपोर्ट जांच शुरू होने के 6 सप्ताह के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए। न्यायालय द्वारा नियुक्त अधिकारी संबंधित व्यक्तियों को गवाही तथा नोटिस देने की प्रक्रिया को अंजाम दे सकता है। ऐसी गंभीर अवैधता पर आधारित रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय आगे उचित आदेश पारित करेगा। यदि महानगर पालिका के अधिकारी दोषी पाए गए तो कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।


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