मुंबई, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के दिल की धड़कन बेस्ट थम गई है। मुंबईकर का हाल बेहाल है और शिवसेना व अधिकारी हैं कि बैठक-बैठक का खेल खेल रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के दखल के बाद भी हड़ताल खत्म नहीं हुई। इस पूरे मामले में राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी तमाशा देख रही है। सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ठाकरे से बात की, फिर भी मामला जस का तस है। सवाल उठाया जा रहा है कि कहीं बीजेपी सरकार शिवसेना को राजनीतिक रूप से 'टाइट' तो नहीं कर रही है। शिवसेना के हाथ में परिवहन
देश की सबसे बड़ी मुंबई महानगरपालिका के खजाने में 67,000 करोड़ रुपये डिपॉजिट हैं, जिस पर शिवसेना की सत्ता है और उसी बीएमसी के मातहत बेस्ट है, जिसका अध्यक्ष भी शिवसेना का ही है। बेस्ट में हड़ताल करने वाली यूनियनों में एक शिवेसना की भी है। राज्य के परिवहन विभाग के मंत्री भी शिवसेना के ही हैं। यानी मुंबई से लेकर राज्य की परिवहन सेवा शिवसेना के हाथ में है, फिर भी हड़ताल खत्म नहीं हो रही है। इस पूरे मामले में शिवसेना की भूमिका पर उंगली उठाई जा रही है। रविवार की शाम ठाकरे ने कहा था कि उनकी पार्टी बीएमसी और बेस्ट के बजट को मिलने के पक्ष में है, फिर भी ऐसा करने में शिवेसना सफल नहीं हो पा रही है। हड़ताल ने शिवसेना को लाचार बना दिया है।
बीजेपी तमाशबीन
बेस्ट की हड़ताल को लेकर बीजेपी की खामोशी किसी के गले नहीं उतर रही है। आमतौर पर शिवसेना को घेरने वाली बीजेपी की खामोशी का क्या अर्थ निकाला जाए? उसकी तमाशबीन भूमिका बेवजह नहीं है। हड़ताल खत्म करने की बात भी नहीं करती और न ही शिवसेना पर जुबानी हमले बोल रही है। पूरे हड़ताल में बेस्ट के जीएम सुरेंद्र बागडे की भूमिका बड़ी ही संदिग्ध मानी जा रही है। उनकी खामोशी ने उनकी योग्यता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने ठाकरे से बात की
बेस्ट की हड़ताल खत्म करने की दिशा में पहल करने में मुख्यमंत्री को सात दिन लग गए। सोमवार को मुख्यमंत्री फडणवीस ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से बात कर एक तरह से औपचारिकता पूरी की। मुख्यमंत्री ने फोन से ठाकरे से बात की, लेकिन दोनों के बीच क्या बात हुई कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया गया। बीजेपी की तरफ से प्रचारित किया गया कि हड़ताल खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री ने ठाकरे से बात की। इससे पहले हड़ताल कर रही बेस्ट यूनियन के नेताओं और राज्य के मुख्य सचिव डी के जैन के बीच बातचीत भी विफल रही।
श्रेय का खेल
दबे स्वर से कहा जा रहा है कि बेस्ट की हड़ताल खत्म नहीं करने का पूरा ठीकरा शिवसेना पर फोड़ा जाएगा। माना जा रहा है कि हड़ताल खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री जल्द ही मंत्रालय में एक बैठक लेंगे, जिसके बाद हड़ताल खत्म हो जाएगी। हड़ताल खत्म करने का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री और बीजेपी को मिले इसकी तैयारी की जा रही है। ऐसे में शिवसेना ने किसी तरह की राजनीतिक चाल चल दी, तो बीजेपी का दांव पलट भी सकता है।
हड़ताल पर विपक्ष का हल्ला बोल
दूसरी तरफ बेस्ट हड़ताल आठवें दिन भी खत्म नहीं होने पर विरोधी दलों ने शिवसेना-बीजेपी सरकार पर हल्ला बोला दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष व राज्य के पूर्व मंत्री नसीम खान ने आरोप लगाया कि बेस्ट की हड़ताल शिवसेना-बीजेपी के बीच जारी आपसी वाद-विवाद का नतीजा है। इनकी राजनीतिक लड़ाई में मुंबई के 28 लाख यात्री परेशान हैं। इसका इन दोनों दलों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
बेस्ट कर्मचारियों की मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है, इससे साबित होता है कि इन दोनों दलों को मजदूरों की कोई चिंता नहीं है। नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि बेस्ट की हड़ताल का मकसद शिवसेना नेताओं को फायदा पहुंचाना है। आम आदमी पार्टी की नेता प्रीती शर्मा मेनन ने हड़ताली कर्मचारियों को अपनी पार्टी का समर्थन जताते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार मजदूर विरोधी है।