मुंबई : महाराष्ट्र में विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने हमेशा पूरक मांगों का डटकर विरोध ही नहीं किया, बल्कि कई बार सदन से वॉकआउट तक किया है और अब वही बीजेपी सत्ता में आने के बाद पूरक मांगों के सहारे ही चल रही है। अक्टूबर, 2014 में आई बीजेपी सरकार ने अलग-अलग 13 अधिवेशन में एक लाख 76 हजार 795 करोड़ रुपये की पूरक मांगें मंजूर कराई हैं। सोमवार को बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में 4,284.65 करोड़ की अनुपूरक मांग पेश की गई।
सोमवार को पेश पूरक मांगों में पहली बार 2000 करोड़ रुपये की आकस्मिक निधि शामिल की गई। स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के पेंशन और दुग्ध उत्पादक किसानों की मदद के लिए अतिरिक्त रकम पूरक मांगों में शामिल है। वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार कहते हैं, '3146 करोड़ रुपये की मांग अगले सत्र तक अतिरिक्त खर्च के लिए की गई है, जबकि शेष राशि सरकार की तरफ से पहले से ही खर्च की जा चुकी है।'
वे स्वीकार करते हैं कि अनुपूरक मांग में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि इसमें 2,000 करोड़ रुपये की आकस्मिक निधि का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुछ स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों को पेंशन जारी करने से अतिरिक्त बोझ बढ़ा है। पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2004 में तकनीकी कारणों की वजह से इसे अस्वीकार कर दिया था। इन पेंशनरों को अतिरिक्त भुगतान करने के लिए 482 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दूध उत्पादक किसानों से दूध खरीदने के लिए 305 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
अनुपूरक मांग
•खरीफ 2018 में सूखाग्रस्त किसानों की मदद की मदद के लिए 2000 करोड़ रुपये
•कृषिपंप, पावरलूक ग्राहकों को बिजली में सब्सिडी के लिए 1000 करोड़ रुपये
•स्वतंत्रता संग्राम और उनके आश्रितों को पेंशन के लिए 482 करोड़ रुपये