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विजय ने दमदार खेल से छोड़ा असर, वर्ल्ड कप के लिए दावा पुख्ता

नागपुर : नागपुर में हुए दूसरे वनडे को भारत ने सिर्फ विराट कोहली की सेंचुरी के बूते जीत लिया, यह कहना ऑलराउंडर विजय शंकर के साथ ज्यादती होगी। जामठा के वीसीए स्टेडियम में खेले गए मुकाबले से पहले विजय ने केवल 5 वनडे मैच खेले थे जिनमें उन्हें केवल एक दफा बैटिंग का मौका मिला था। यहां तक कि 28 बरस का यह खिलाड़ी अपनी बोलिंग पर कोई विकेट तक नहीं ले सका था। इसे देखते हुए मैच का 50वां और अंतिम ओवर विजय से करवाने का विराट का फैसला अचरज में डालने वाला जरूर था। 

विजय ने अंतिम ओवर की पहली ही बॉल पर हाफ सेंचुरी बना चुके मार्कस स्टोइनिस को आउट कर मैच बनाया और फिर एडम जंपा को बोल्ड कर अपने नाम नगाड़ा बजा दिया। इस साल वर्ल्ड कप इंग्लैंड में होना है और वहां की परिस्थितियों में ऐसे ऑलराउंडर्स की जरूरत पड़ेगी जो तेज गति से बॉल डालने के साथ ही जरूरत पड़ने पर 40-50 रन का योगदान दे सके। विजय इस मानदंड में फिट बैठते हैं। यही नहीं वह ऐसे उपयोगी बल्लेबाज भी हैं जो किसी भी बैटिंग पोजिशन पर उतरने को तैयार रहता है। इन सब खूबियों के कारण विजय ने ऑलराउंडर के तौर पर वर्ल्ड कप में खेलने वाली भारतीय टीम में अपना स्थान लगभग पक्का कर लिया है। 

चुनौती स्वीकार करने का माद्दा 

शंकर ने कम मैचों के इंटरनैशनल करियर में यह दिखाया है कि उनमें चैलेंज लेने का माद्दा है। दूसरे वनडे मैच के बाद उन्होंने कहा, 'मेरे लिए यह एक अवसर था। ईमानदारी से कहूं तो मैं इसी मौके की तलाश में था। मैं दबाव वाली परिस्थिति में अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। डेथ ओवर में गेंदबाजी करने में आनंद आया। मैं खुद से यही कह रहा था कि आखिरी ओवर मुझे डालना है। मैं चुनौती लेने के लिए तैयार था।' 

पार्टनरशिप में माहिर 

इस साल 18 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में अपना वनडे डेब्यू करने वाले विजय को इस फॉर्मेट में बैटिंग करने का पहला मौका न्यू जीलैंड में मिला। वेलिंगटन में खेले गए वनडे मैच में विजय छठे नंबर पर बैटिंग करने उतरे। बॉल स्विंग हो रही थी और भारत का स्कोर चार विकेट पर 18 रन हो गया था। 

तब उन्होंने 64 बॉल में 45 रन की शानदार पारी खेली और अंबाती रायुडू (90 रन) के साथ पांचवें विकेट के लिए 98 रन जोड़े। केदार के साथ हुई गलतफहमी के कारण विजय रनआउट हुए। नागपुर वनडे में भी विजय मुश्किल हालात में बैटिंग करने उतरे क्योंकि भारत का स्कोर तीन विकेट पर 75 रन हो गया था। विजय ने ऑस्ट्रेलियाई बोलर्स पर जवाबी हमला बोल उन्हें चौंका दिया। इस ऑलराउंडर ने 41 बॉल में 46 रन बनाए। उन्होंने विराट के साथ चौथे विकेट के लिए 81 रन जोड़े। 

फील्डर भी लाजवाब 

विजय उपयोगी बोलर और बैट्समैन होने के साथ ही अच्छे फील्डर भी हैं। उनकी फील्डिंग का ही कमाल था कि हैदराबाद में खेले गए पहले वनडे में भारत ने उस्मान ख्वाजा को ऐसे वक्त आउट किया जब वह 50 रन बना चुके थे और बड़ी पारी खेलने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रहे थे। कुलदीप की बॉल को ख्वाजा ने आगे आकर लेग साइड पर हवा में खेला। बाउंड्री के करीब खड़े विजय ने बेहद शानदार तरीके से इस कैच को लपका। 50 ओवर खत्म होने पर ऑस्ट्रेलिया के खाते में 236 रन ही जुड़ पाए। 

'उस' फाइनल ने दी सीख 

मार्च 2018 में श्रीलंका में खेली गई निदाहास ट्रोफी टी20 टूर्नामेंट के दौरान विजय ने श्रीलंका के खिलाफ टी20 डेब्यू किया। टूर्नमेंट में बैटिंग का पहला मौका मिला बांग्लादेश के खिलाफ खिताबी मुकाबले में। वह 19 बॉल खेल 17 ही रन (3 फोर) बना सके। इस मैच का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो निदाहास ट्रोफी के फाइनल ने मुझे इतनी सारी चीजें सिखाईं। मैंने इसके बाद सीखा कि तटस्थ कैसे रहा जाए। उतार हो या चढ़ाव, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे हमेशा धैर्य बरकरार रखना होगा।' 

कप्तान का भरोसा जीता 

भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के शो ‘चहल टीवी’ पर भी कप्तान विराट कोहली ने विजय की तारीफों के पुल बांधे। कोहली ने कहा कि उनकी और विजय की साझेदारी के दौरान इस बल्लेबाज ने काफी लय में बल्लेबाजी की। कप्तान ने कहा कि मैं विजय को बधाई देना चाहूंगा कि उन्होंने पहले तो काफी बढ़िया बैटिंग की और फिर आखिरी ओवर में गेंद के साथ भी उम्दा प्रदर्शन किया। इसके लिए काफी मानसिक मजबूती चाहिए और विजय ने करैक्टर दिखाया। 



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