पक्का बाग इलाके में टिकटॉक वीडियो बनाने से रोकने पर नौ साल की बच्ची ने खुदकुशी कर ली। वह एक निजी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा थी। डीसीपी बलकार सिंह का कहना है कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बच्ची सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती थी। बुधवार को भी वह टिकटॉक पर वीडियो बना रही थी। इस पर उसकी मां ने उसे डांटा कि वह हमेशा मोबाइल पर लगी रहती है। इससे वह नाराज हो गई। रात को वह बिस्तर से उठकर बाथरूम गई और वहां पर चुन्नी से फंदा लगा लिया। सुबह आंख खुलने पर जब परिजनों ने उसे बिस्तर पर नहीं देखा तो उसे तलाशा। इस दौरान बच्ची बाथरूम में लटकी मिली। इस बारे में काफी देर तक उसके तीन भाई-बहनों को भी नहीं बताया गया।
डीएवी यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. जसबीर कौर ऋषि का कहना है कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखना वक्त की चुनौती है। बच्चे जो वीडियो में देखते हैं, उसे अपनाने की कोशिश करते हैं। अब सोशल मीडिया पर सब कुछ आसानी से मिलता है। ऐसे में बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहिए। अगर बच्चे सोशल मीडिया के आदी हो चुके हैं तो उनको प्यार से समझाकर ही रास्ते पर लाया जाना चाहिए। डांटने पर वे जिद्दी हो जाते हैं।