घटना सोमवार रात की है, जब गालवन वैली में दोनों देशों की सेनाएं तनाव कम करने की कोशिशों में लगी थीं
मंगलवार सुबह 7:30 बजे भारत-चीन के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई
दोपहर 1 बजे चीन ने धमकाते हुए कहा- भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी
रात 8 बजे भारत ने चीन को जवाब दिया- आपसी सहमति का ध्यान रखा होता तो दोनों तरफ सैनिकों की जान नहीं जाती
लद्दाख. चीन ने भारत को 45 साल बाद फिर धोखा दिया है। सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में बातचीत करने गई चीन की सेना ने भारत की सेना पर हमला कर दिया। गोली एक भी नहीं चली, लेकिन चीन के सैनिकों ने पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से हमला बोल दिया। इसमें भारतके कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए।
यह झड़पदुनिया की दो एटमी ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई। उसी गालवन वैली में, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी। भारत ने चीन की तरफ हुई बातचीत इंटरसेप्ट की है। इसके मुताबिक, चीन के 43 सैनिक हताहत होने की खबर है, लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है।
45 साल पहले चीन ने ऐसे ही धोखा दिया था
20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे। इसके 45 साल बाद चीन बॉर्डर पर हमारे सैनिकों की शहादत हुई है।
जो शहीद हुए हैं, उनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसरकर्नल संतोष बाबू शामिल हैं। दो अन्य नामों की पुष्टि हुई है। ये हैं- हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा। बाकी नाम अभी सामने नहीं आए हैं।
झड़प के बादचीन ने बातचीत की पहल की
सोमवार रात की घटना के बाद चीन डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गया। मंगलवार सुबह 7:30 बजे चीन की पहल पर ही गालवन वैली में मीटिंग बुलाई गई। इसमें दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई।
खबरें सामने आईं तो चीन धमकी देने लगा
दोपहर करीब 1 बजे हिंसक झड़प की खबर दुनिया के सामने आई। इसके बाद चीन ने अपना रुख बदल लिया। वह धमकाने वाले अंदाज में आ गया। कहा- अब भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी। चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया।
हमारे यहां लोकतंत्र है इसलिए सेना ने बताया कि कितने सैनिक शहीद हुए
आर्मी की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘‘कल यानी सोमवार रात को गालवन वैली में डी-एस्केलेशन प्रोसेस चल रही थी, लेकिन तभी हिंसा हो गई। हमारे एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए। हिंसक झड़प मेंदोनों तरफ के सैनिकों की जान गई है।’’ देश में लोकतंत्र है, इसलिए हमारी सेना ने शहीदों की संख्या बताई।
भारत का चीन का जवाब- आपसी रजामंदी का ध्यान रखा होता तो ऐसा न होता
झड़प की बात सामने आने के करीब 8 घंटे बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों तरफ नुकसान हुआ है। अगर चीन की तरफ से हाई लेवल पर बनी आपसी सहमति का ध्यान रखा जाता तो दोनों तरफ हुए नुकसान को टाला जा सकता था। भारत ने हमेशा अपनीसीमा में रहकर ही मूवमेंट किया है। हम उम्मीद करते हैं कि चीन भी ऐसा ही करे।
राहुल भारती की रिपोर्ट