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मुंबई रेल्वे पोलीस सूचना अधिकार अधिनियम में भी गलत जानकारी देती है.



मुंबई रेल्वे पोलीस सूचना अधिकार अधिनियम में भी गलत जानकारी देती है.



मुंबई की उपनगरीय लोकल ट्रेन मुंबई की लाइफ लाइन है। उपनगरीय ट्रेनों से प्रतिदिन 80 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। मुंबई में ट्रेनों में बहुत भीड़ होती है, इसलिए यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे के दरवाजे से बाहर खड़े होकर  सफर करते हैं। औसत हर रोज 10 से 12 यात्री पटरियों पर गिरकर  मरते हैं। भले ही भारतीय रेलवे को मुंबई में सबसे अधिक राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन भारतीय रेलवे मुंबईवासियों की सुरक्षा के लिए गंभीर नहीं है.


आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने मुंबई रेलवे पुलिस से जनवरी 2019 से डिसम्बर 2019 तक मुंबई की उपनगर रेल्वे में लोगों की मौत और घायलो का विवरण मांगा था। इस संबंध में, मुंबई पुलिस पोलिस के सूचना अधिकारी जी.सी. हिरेमठ ने जानकारी गलत प्रदान की है। जानकारी के अनुसार, मुंबई उपनगरीय रेलवे ट्रैक पर रेल की पटरी पार करते समय या पटरी पार करते समय 2123 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 1758 यात्री घायल हुए हैं। मध्य रेलवे मार्ग में कुल 1384 यात्रियों की मौत हुई और 1047 लोग घायल हुए। इसी तरह पश्चिम रेलवे के रास्ते में 739 यात्रियों की मौत हो गई और 711 यात्री घायल हुए है.


परन्तु वहीँ एक अन्य आवेदनकर्ता समीर ज़वेरी को सुचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कुछ और ही जानकारी दी गई है. समीर ज़वेरी को दी गई जानकारी मुंबई उपनगरीय रेलवे ट्रैक पर रेल की पटरी पार करते समय या पटरी पार करते समय 2664 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. और 3158 यात्री घायल हुए हैं। मध्य रेलवे मार्ग में कुल 1393 यात्रियों की मौत हुई और 1836 लोग घायल हुए। इसी तरह पश्चिम रेलवे के रास्ते में 928 यात्रियों की मौत हो गई और 1322 यात्री घायल हुए है. आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख के अन्य सूचना अधिकार अधिनियम अंतर्गत आवेदन में मिली जानकारी के अनुसार मुंबई उपनगरीय रेलवे ट्रैक पर रेल की पटरी पार करते समय या पटरी पार करते समय 2013 से 2018 तक कुल 19430 यात्री  अपनी जान गंवा चुके हैं तथा कुल 20168 यात्री घायल हुए है.



*वर्षानुसार कब कितनी मौते हुई और कितने घायल हुए.÷


*2013 में 3506 लोगों की मौत 3318 लोग घायल हुए थे।*


*2014 में, कुल 3423 लोग की मौत, 3299 लोग घायल हुए।*

 

*2015 में 3304 लोगो की मौत 3349 लोग जखमी.*

 

*2016 में कुल 3202 लोग की मौत 3363 में जखमी.*


*2017 में कुल 3014 लोगों की मौत 3345 घायल हुए।*


*2018 में 2981 यात्रियों की मौत और 3,494 घायल हुए*



आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख के अनुसार, रेलवे पोलिस इतने गंभीर विषय पर दो अलग-अलग आवेदनों पर अलग अलग जानकारी दे रही है. इससे रेलवे पोलिस की विश्वासनियता पर सवाल तो उठता ही है. इसके पहले भी जितनी सूचनाये दी गई है क्या वह भी इसी प्रकार से गलत सुचना दी गई है. इस सन्दर्भ में शकील अहमद शेख ने  सुचना आयोग में शिकायत करके उचित करवाई की मांग की है. एवं पोलिस आयुक्त (रेलवे) को भी पत्र लिखकर संबंधित अधिकारी जी.सी. हिरेमठ पर करवाई की मांग की है.


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