मुंबई : कई साल से मुंबई में अपना घर होने का सपना देखने वाले 3,894 मिल मजदूरों को रविवार को आशियाना मिल गया। मुंबई में बंद पड़ी मिलों की जमीनों पर बने 3,894 घरों की लॉटरी मुख्यमंत्री उद्धव ने निकाली। इस दौरान उद्धव ने मिल मजदूरों से आवंटित घरों को किसी अन्य को नहीं बेचने का वचन मांगा। उद्धव ने कहा कि मुंबई के निर्माण में मिल मजदूरों की बेहद अहम भूमिका रही है। मजदूरों ने खून बहा कर मुंबई बनाई है। घर बेच कर मजदूरों को मुंबई से अपना हक गंवाना नहीं चाहिए। जल्द ही मजदूरों के लिए दूसरी लॉटरी निकाली जाएगी। उनकी सरकार प्रत्येक मजदूर को घर मुहैया करवाने की दिशा में काम कर रही है। घर की लॉटरी निकलते वक्त उद्धव ने कहा कि जब आपको नए मकान आवंटित हो जाएं, तो आप मुझे चाय पर बुलाइएगा। इन मकानों को बेचकर अपने अधिकार खोकर मुंबई से बाहर मत जाइएगा। शिवसेना और मिल मजदूरों का पुराना रिश्ता है। 90 प्रतिशत शिवसैनिक मजदूर हैं। प्रत्येक मजदूर को घर दिलाने की दिशा में उनकी सरकार काम कर रही है।
म्हाडा ने मुंबई में बंद पड़ी तीन मिलों की जमीनों पर 3,894 घर तैयार किए हैं। बॉम्बे डाइंग टेक्सटाइल मिल की जमीन पर 720 घर, बॉम्बे स्प्रिंग मिल की जगह पर 2,630 घर और परेल स्थित श्रीनिवास मिल की जमीन पर 544 घर बनाए हैं। गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि म्हाडा अगले 4 साल में मुंबई में 50 हजार किफायती घरों का निर्माण करेगी। एमएमआरडीए की तरफ से रायगड के मौजे कोन में बनाए गए 2,000 घरों की लॉटरी 1 अप्रैल 2020 में जारी की जाएगी। म्हाडा के उपाध्यक्ष मिलिंद म्हैसकर के अनुसार, मिल मजदूरों के घरों के लिए ठाणे में 90 एकड़ जमीन का चयन किया गया है। जल्द ही वहां घरों का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। म्हाडा ने घरों की कीमत 9.5 लाख रुपये निर्धारित की है। मजदूरों ने सरकार से घरों की कीमत कम करने की मांग की है। लॉटरी विजेता संतोष मोरे ने कहा कि रिटायर होने के बाद उन्हें 9 लाख रुपये नहीं मिले हैं। ऐसे में वह घरों के लिए निर्धारित रकम कहां से भरेंगे। सत्यवान पताडे के अनुसार, मजदूर 10 से 15 हजार रुपये की नौकरी कर रहे हैं। इतनी बड़ी रकम जमा करने के लिए म्हाडा की तरफ से हमें अतिरिक्त समय मिलना चाहिए।