मुंबई, सतातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति ने आरोप लगाया है कि जांच एजेंसियां एक बार फिर उनके संगठनों को दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या प्रकरण में उलझाने की साजिश रच रही हैं। यहां आयोजित एक प्रेस सम्मेलन में दावा किया गया कि कांग्रेस और सेक्यूलरवादियों का ‘मालेगाव - भाग 1’ विफल हो गया, तो अब ‘मालेगाव - भाग 2’ आरंभ करने का षड्यंत्र रचा गया है। इस सिलसिले में गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में विविध हिंदुत्ववादी संगठनों के 18 कार्यकर्ताओं के विरोध में पेश पूरक आरोपपत्र को हास्यास्पद बताया गया। सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने कहा कि इसमें गिरफ्तार हुए कार्यकर्ता विविध संगठनों के हैं, तब भी निरंतर मीडिया के सामने केवल सनातन संस्था को लक्ष्य करने का प्रयत्न स्पष्ट दिखाई दे रहा है। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे और हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर भी उपस्थित थे।
हिंदुत्ववादी नेताओं ने स्पष्ट किया कि लंकेश प्रकरण में मुख्य आरोपी के रूप में जिस अमोल काले का नाम लिया जा रहा है, वह पिछले 10 वर्ष से समिति के किसी भी प्रकार के संपर्क में नहीं था। 10 वर्ष पूर्व भी वह समिति का कोई पदाधिकारी नहीं था। डॉ. वीरेंद्र सिंह तावडे भी समिति के किसी भी कार्य में सहभागी नहीं थे, तब भी उन्हें सीबीआई ने आरोपपत्र में उपाध्यक्ष कहा है । जो पद समिति के कार्य में ही नहीं है, वे निर्माण किए जा रहे हैं और सभी को समिति का ही कार्यकर्ता दर्शाकर भ्रम फैलाया जा रहा है।