मुंबई. भारतीय नागरिक हामिद निहाल अंसारी (33) छह साल बाद पाकिस्तान से भारत लौटे। हामिद पाकिस्तानी लड़की से फेसबुक के जरिए हुई मोहब्बत के बाद अवैध रूप से सरहद पार करके पाकिस्तान पहुंचे थे। उन्हें 2012 में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान सैन्य अदालत ने फर्जी पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने के आरोप में 15 दिसंबर 2015 को हामिद को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। अटारी बॉर्डर पर हामिद को लेने के लिए उनके माता-पिता और भाई पहुंचे। हामिद की मां फौजिया मुंबई में एक कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल हैं। काबुल से नौकरी का ऑफर आने की बात कहकर हामिद नवंबर 2012 में मुंबई से अफगानिस्तान गया था। इसके बाद वह फर्जी पहचान पत्र दिखाकर पाकिस्तान पहुंचा और एक लॉज में रुका। उसकी गर्लफ्रेंड ने ही उसके रुकने का इंतजाम किया था। 12 नवंबर को भारतीय जासूस होने के आरोप में हामिद को इसी लॉज से गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि फर्जी पहचान पत्र उन्हें पाकिस्तानी गर्ल फ्रेंड ने ही भेजा था।
हाईकोर्ट ने भी खारिज की थी याचिका
सेना की कोर्ट के फैसले के खिलाफ हामिद ने वहां की हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद को बेकसूर बताया था। अगस्त 2018 में कोर्ट ने हामिद की याचिका खारिज कर दी थी। दरअसल, गृह मंत्रालय ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि उन्हें 15 दिसंबर को रिहा कर दिया जाएगा।
परिवार को बेटे के लिए बेचना पड़ा मकान
हामिद का परिवार वर्सोवा मेट्रो स्टेशन के पास रहता है। हामिद के माता-पिता को बेटे को बचाने की कोशिशें करते हुए अपना पुश्तैनी घर बेचकर दिल्ली आना पड़ा ताकि वे हर हफ्ते पाकिस्तानी उच्चायोग जाकर बेटे के केस के लिए गुहार लगा सकें। पिता ने बैंक की नौकरी भी छोड़ दी थी।