नवी मुंबई। गर्मी का मौसम शुरू होते ही गृहणियां चटनी और साल भर की जरूरी मसाले बनाने में जुट गई हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल मिर्ची के दाम लगभग कम होने से उपभोक्ताओं को राहत मिली है. जिसके कारण गृहिणियों में राहत का माहौल देखा जा रहा है।
मुंबई कृषि उत्पन्न बाजार समिति में रोजाना 50 से 60 टन मिर्ची की आवक हो रही है. गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का सीजन लगभग खत्म हो चुका है, अब आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना से मिर्ची बिक्री के लिए बाजार में आ रही है. पिछले साल की तुलना में इस साल मिर्च के दाम कम हैं, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलनी शुरू हो गई है. पिछले साल बेड़गी मिर्च की कीमत 500 से 700 रुपये प्रति किलो थी. इस साल वही दरें 250-250 रुपये पर आ गई हैं. तेजा की दर 200- 300 रुपये से 220- 230 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. कश्मीरी मिर्च की कीमतें 650- 800 रुपये प्रति किलो से घटकर 350- 500 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. कीमतों में कमी के कारण गृहणियां भी साल भर चलने वाली चटनी बनाने में व्यस्त हैं और देखा जा रहा है कि हर मसाला कूटने की दुकान पर मिर्च कूटने की होड़ मची है. व्यापारियों का कहना है कि बाजार समिति में मिर्च का सीजन लगभग खत्म हो चुका है, लेकिन उपभोक्ताओं की ओर से मई तक मांग रहेगी और इस साल कीमतें कम रहेंगी. पिछले साल उत्पादन कम होने के कारण बाजार में कीमतें बढ़ गयी थीं. इस साल मिर्च के दाम कम होने से उपभोक्ताओं को राहत मिली है. इस समय दक्षिण के राज्यों से बड़ी संख्या में मिर्ची आ रही है।