इमारत के दुकानों पर नैना की कार्रवाई,
नाममात्र कार्यवाई से नैना संदेह के घेरे में
पनवेल। मालेवाड़ी सुकापुर के श्री यूनिटी कॉम्प्लेक्स पर हाल ही में नैना ने कार्यवाई की. हालांकि इस कार्रवाई को संदेह की नजर से देखा जा रहा है. गौरतलब है कि पनवेल तालुका के 23 गांवों में नैना आ रही है. सुकापुर, अकुर्ली, मालेवाडी, विचुम्बे, देवद, चिपले आदि क्षेत्रों में नैना से अनुमति लिए बिना अनाधिकृत इमारतें खड़ी की जा रही हैं. कई अनधिकृत इमारतों का निर्माण तेजी से हो रहा है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि नैना इस बात से आंखें मूंद रही है. भवन निर्माण का काम जारी होने के बावजूद नैना के अधिकारी इस पर कार्रवाई नहीं करते दिखाई दे रहे है. हालांकि बिल्डिंग खड़ी होने के बाद दिखावे के लिए नाममात्र की कार्रवाई करते देखी जा रही है. जिसके कारण अब नैना को संदेह के नजर से देखा जा रहा है. इस मे भी आर्थिक लेनदेन का बताया जा रहा है।
एक गरीब नागरिक घर खरीदने के लिए अपनी जीवन भर की जमा पूंजी लगा देता है. उसमें अनाधिकृत भवन में मकान लेने पर उसके जीवन भर की पूंजी बर्बाद हो जाती है. लेकिन ऐसा लगता है कि नैना-सिडको का इससे कोई लेना-देना नहीं है. दो सप्ताह पहले नैना के अधिकारी मालेवाड़ी सुकापुर में लक्ष्मी पब्लिक स्कूल के सामने की बिल्डिंग पर कार्रवाई के लिए आए थे, लेकिन चार-पांच कॉलम ही तोड़कर आधी-अधूरी कार्रवाई की गई. बुधवार को मालेवाडी में भी ऐसी ही आंशिक कार्रवाई की गई. आम नागरिकों को समझ नहीं आ रहा कि नैना अथॉरिटी अनाधिकृत इमारतों पर आंशिक कार्रवाई कर क्या हासिल करना चाह रही है. आरोप लगाया जा रहा है कि आर्थिक लेनदेन के चलते इस तरह की आधी-अधूरी कार्रवाई की जा रही है।
कही कार्यवाई कही दिखावा
कई जगहों पर बिना अनुमति के ही इमारतें खड़ी की जा रही हैं. जिससे नागरिकों के साथ धोखा किये जाने की बात सामने आ रही है. मालेवाड़ी में नैना की हरकत महज एक दिखावा थी. जून महीने में विचुंबे में भी आंशिक कार्रवाई की गयी. अप्रैल महीने में सुकापुर के मौर्या नामक बिल्डर द्वारा बनाई जा रही 4 से 5 मंजिला बिल्डिंग पर अतिक्रमण विभाग बिना कोई कार्रवाई किए बिना चला गया.जिसके कारण नैना के अधिकारियों पर संदेह जताया जा रहा है।