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अश्लीलता के खिलाफ एक्शन में फिल्म फेडरेशन

मुंबई : फिल्मोद्योग के भीतर अश्लील फिल्मों के खिलाफ फिल्म फेडरेशन एक्शन मोड में आ गया गया है। भोजपुरी फिल्मों में इन दिनों धड़ल्ले से अश्लीलता परोसी जाती है। इसके खिलाफ पिछले कुछ समय से समाज के प्रबुद्ध वर्ग ने इस अश्लीलता के खिलाफ सोशल मीडिया में लगातार वैंâपेन चलाया है। ५ लाख सदस्योंवाली ‘फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लाइज’ ने इसे गंभीरता से लिया है और एलान किया है कि भोजपुरी फिल्मों में अब अश्लीलता नहीं बर्दाश्त की जाएगी। ऐसी फिल्मों का बनना, सेंसर होना और उनका प्रदर्शन सभी रोके जाएंगे।

फेडरेशन ने अपने सदस्यों को आगाह करते हुए कहा है कि अश्लील फिल्मों को बनाना सामजिक अपराध है। इसलिए उनसे जुड़ा कोई सदस्य उनके निर्माण या प्रदर्शन से संलग्न न हो। जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उनकी सदस्यता रद्द की जाएगी। फेडरेशन ने इस बात का भी एलान किया है कि मुंबई, इलाहाबाद, पटना और रांची हाई कोर्ट में पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान द्वारा भोजपुरी मनोरंजन उद्योग में पैâली अश्लीलता के खिलाफ दायर की जा रही याचिका में फेडरेशन भी सह याचिकाकर्ता बनेगा। प्रतिष्ठान और फेडरेशन ने यह घोषणा कल एक प्रेस कॉन्प्रेंस में की। दोनों संगठनों ने इस बात का भी एलान किया है कि पहली जनवरी २०१९ से रिलीज होनेवाली हर भोजपुरी फिल्म की पूर्वांचल के समाज और संस्कृति को जाननेवाले किसी विद्वान व्यक्ति से समीक्षा कराई जाएगी और पूर्वांचल के समाज के मानदंडों के हिसाब से यदि कुछ गलत पाया गया तो सेंसर बोर्ड के सामने यह सवाल प्रखरता से खड़ा किया जाएगा कि उसने इस फिल्म को वैâसे पास किया? कल की प्रेस वार्ता में फेडरेशन के अध्यक्ष बी एन तिवारी, महासचिव अशोक दुबे, कोषाध्यक्ष संजू श्रीवास्तव, प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के सदस्य्ी शरद देवराम शेलार और पूर्वांचल विकास प्रतिष्ठान की ओर से पूर्व मंत्री श्री चंद्रकांत त्रिपाठी, अश्लीलता विरोधी अभियान की ब्रांड एंबेसडर पद्मश्री डॉ. शोमा घोष, प्रतिष्ठान के सचिव ओम प्रकाश, मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रहे एडवोकेट विजय सिंह और गायक अविनाश तिवारी उपस्थित।



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