उत्तर प्रदेश : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) में हुए भूमि घोटाला मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी एफआईआर में पूर्व सीईओ पी.सी. गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है। सीबीआई अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि प्रक्रिया के अनुरूप एजेंसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की एफआईआर फिर से दर्ज की जिसमें आरोप लगाया गया है कि यमुना प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाले 165 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के आसपास विकास गतिविधियों के लिए मथुरा के सात गांवों में 57.15 हेक्टेयर भूमि के लिए 85.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि पी.सी. गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश के तहत सबसे पहले किसानों से जमीन खरीदी और बाद में इसकी खरीद के चार से छह महीनों के भीतर इसे यमुना प्राधिकरण को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। यमुना प्राधिकरण ने अपनी आंतरिक जांच में सरकारी खजाने को 126 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया था, लेकिन एफआईआर में 85.49 करोड़ रुपये के भुगतान का जिक्र किया गया है।
पी.सी. गुप्ता 2013-15 के दौरान सीईओ थे। वह यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अतिरिक्त सीईओ और डिप्टी सीईओ के पद पर भी रहे थे। पुलिस रिपोर्ट अब सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गुप्ता के रिश्तेदारों और करीबियों ने मुखौटा कंपनियों के जरिये सस्ती दरों पर कथित तौर पर जमीन खरीदी और इसे उसके खरीद मूल्य से दोगुना से अधिक मूल्य पर यमुना प्राधिकरण को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
जमीन 2013-2015 के दौरान उस समय खरीदी गई थी जब समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता में थी। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष 24 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। केन्द्र सरकार ने 15 महीनों के बाद 24 अक्टूबर को इसकी जांच एजेंसी को सौंप दी थी। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मंगलवार दोपहर आपराधिक साजिश तथा धोखाधड़ी के आरोपों और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।