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समुद्र के रास्ते फिर हो सकता है हमला

 मुंबई, पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अपने आतंकियों को समुद्र में गोताखोरी का प्रशिक्षण दे रहा है। इसके चलते हिंदुस्थान पर समुद्र के रास्ते से हमले की आशंका बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा और अन्य पाकिस्तानी आतंकी संगठन अपनी ताकत बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि आतंकियों को यह प्रशिक्षण पाकिस्तानी नौसेना की ओर से लाहौर, शेखपुरा और पैâसलाबाद में दिया जा रहा है। जिसके चलते हिंदुस्थान को आंशका है कि ये आतंकी कार्गो शिप या ऑयल टैंकर को हाईजैक करके बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं। रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि समुद्री हमले की आशंका के बाद कोस्ट गार्ड और भारतीय नौसेना को चेतावनी जारी कर दी गई है। नौसेना और कोस्ट गार्ड को मिले इनपुट के मुताबिक यह प्रशिक्षण शेखपुरा, लाहौर और पैâसलाबाद में जून माह से दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि २६ नवंबर वर्ष २००८ में १० पाकिस्तानी आतंकियों ने समुद्री रास्ते से हिंदुस्थान में घुसकर मुंबई में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दिया था। इस आतंकवादी हमले में २६ विदेशी नागरिकों सहित १६६ लोगों की मौत हुई थी।

आतंकी हमले से निपटने के उपाय

२६/११ मुंबई आतंकी हमले की वर्षगांठ पर हर साल सवाल उठाया जाता है कि पूरी दुनिया को दहलाने वाली इस घटना से हमने क्या सीखा? २६/११ आतंकी हमले जैसी घटना की पुनरावृत्ति होने पर लोगों के जान-माल की सुरक्षा और किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सरकार और मुंबई पुलिस ने क्या तैयारी की है?

तो बता दें कि किसी भी आपदा या फिर आतंकी हमले की साजिश को देखते हुए मुंबई पुलिस ने आठ सूत्री कार्यक्रम तैयार किया है।

योजना के तहत तमाम बड़े पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी पूरी तरह से निर्धारित कर दी गई है। यही नहीं मुंबई हमले के बाद से नए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड हब तक यहां तैनात कर दिया गया है। इन हमलों के बाद मुंबईकर और मुबंई पुलिस ने कई सबक लिया था। इसी सबक के बीच मुंबई पुलिस ने शहर के चप्पे-चप्पे पर उच्च तकनीक से लैस सीसीटीवी वैâमरे लगाए हैं। वैसे तो मुंबई को सुरक्षित बनाने का दावा करते हुए सरकार ने नवंबर २०१६ में मुंबई की सड़कों से लेकर गलियों तक करीब ५,२०० उच्च तकनीक वैâमरे की जद में ला दिया। इन वैâमरों के जरिए एक कमरे में बैठकर पुलिस हर पल शहर में होनेवाली हर घटना पर नजर रखती है। इन वैâमरों की मदद से पुलिस को शहर में बढ़ती हिंसा, चोरी और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर रोक लगाने, किसी घटना के बाद आरोपियों की धर-पकड़ तथा आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में भी मदद मिल रही है। ये ५,००० वैâमरे मुंबई में १,५१० संवेदनशील ठिकानों पर लगाए गए हैं।

इतना ही नहीं किसी भी आतंकी हमले और अप्रिय घटना के समय मुंबई पुलिस ने अपने अधिकारियों के लिए साफतौर पर कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो निम्न हैं…

१. आतंकी हमले की स्थिति में ज्वाइंट कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर, कंट्रोल रूम का चार्ज संभालेंगे।

२. स्थानीय पुलिस जहां आतंकियों ने वारदात को अंजाम दिया है वह तुरंत प्रादेशिक कंट्रोल रूम और डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस को आपातकाल की स्थिति की सूचना देंगे, इसके साथ ही मुख्य कंट्रोल रूम को भी रिपोर्ट करेंगे।

३. उस दौरान क्षेत्रीय अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्पॉट पर पहुंचेगे व हालात का जायजा लेकर प्रभार संभालेगे। डीसीपी युद्ध की स्थिति की तर्ज पर आदेश देंगे और मैदान में मोर्चा संभालेंगे।

४. जब तक क्विक रिस्पांस टीम हमले के स्थान पर पहुंच कर मोर्चा नहीं संभाल लेती है तब तक स्थानीय पुलिस को मोर्चा संभालना होगा। स्थानीय पुलिस में अब युद्ध जैसी स्थिति से निपटनेवाले कमांडो तैनात किए गए हैं, जो क्वीक रिस्पांस टीम के आने तक मोर्चा संभालने का काम करेंगे।

५. अगर हमले में किसी आम जनता को बंधक बना लिया जाता है तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भी क्राइसिस मैनेजमेंट टीम तैयार की गई है, जो बंधकों को छुड़ाने से लेकर नेगोसिएशन तक का काम करेगी।

६. इस आपात स्थिति से निपटने के लिए एंटी टेरेरिज्म स्क्वॉयड का चीफ की निगरानी में ही पूरा चक्रव्यूह तैयार किया जाएगा। वही मामले की संजीदगी को देखते हुए डीसीपी से लेकर फोर्स तक को दिशा निर्देश देगा।

७. आतंकी हमले की स्थिति में दो कॉर्डोन बनाई जाएंगी, जो आतंकियों को व्यस्त रखने का काम करेंगी।

८. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक एपेक्स क्राइसिस मैनेजमेंट टीम का भी गठन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं जो मरोल स्थित एनएसजी के कमांडर को स्थिति से निपटने के लिए कहेंगे या आदेश पारित करेंगे।



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