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मुंबई में सरहदी गांधी के उसूलों और कामों को याद किया गया

मुंबई में सरहदी गांधी के उसूलों और कामों को याद किया गया :

वे आज़ादी के लड़ाई में काम और विचार दोनों के महानायक थे



मुंबई: गत 6 फरवरी को सरहदी गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान के जन्मदिन पर आयोजित स्मृति सभा में आज़ादी की लड़ाई के इस अप्रतिम नायक सरहदी गांधी
 के उसूलों और कामों को याद किया
 
कार्यक्रम की शुरुआत  महिया खान द्वारा सरहदी गांधी पर बनाये  वृत्तचित्र के प्रदर्शन और मुजीब खान द्वारा निर्देशित और अभिनीत एक नाटक के मंचन से हुई।

सभा के मुख्य वक्ता  राजमोहन गाँधी ने अपने  सम्बोधन में गाँधी जी और सरहदी गांधी के संबंधों को याद करते हुए कहा कि सरहदी गांधी भारत विभाजन के लिए किसी सूरत में तैयार नहीं थे
सभा के अध्यक्ष हुसैन दलवई ने कहा कि पख्तूनियो के बीच सरहदी गांधी ने अहिंसा का व्रत इस तरह फैलाया था कि १९३० में पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में हुए भीषण नरसंहार के बावजूद किसी भी पख्तून ने हथियार नहीं उठाये।  

पूर्व मंत्री  चंद्रकांत त्रिपाठी तथा महाराष्ट्र के  मंत्री और एनसीपी के प्रवक्ता  नवाब  मलिक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीमांत गांधी को याद किया.

सभा में सुधीन्द्र कुलकर्णी,  जतिन देसाई,  फिरोज मीठीबोरवाला, उदित राज , मौलाना जहीर अब्बास रिज़वी और  बद्रे आलम ने भी अपने विचार रखे।

 सभा का संचालन सरहदी गांधी मेमोरियल सोसाइटी के अध्यक्ष  सय्यद जलालुद्दीन ने और कार्यक्रम का व्यवस्थापन  आफताब अलवी और  सलीम माप खान ने किया। 
पत्रकार ओम प्रकाश ने आभार प्रदर्शन किया।


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