भारत में ईवी मार्केट 2030 तक 206 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा, मिलेंगे अपार अवसर-लगातार नए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रवेश से बाजार को हो रहा है विस्तार
●ग्लोबल चक्र न्यूज डेस्क
मुंबई: भारत के रिटेल मार्केट में इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से बढ़ती बिक्री इसे भारत में इसे एक आकर्षक कारोबारी संभावनाओं से भरे अवसर के तौर पर पेश कर रही है। इंडस्ट्री जानकारों का अनुमान है कि अगले 8-10 वर्षों में रिटेल बिजनेस अपने आप में 206 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा और कंपनियों से लेकर डीलर्स तक के लिए असंख्य अवसर होंगे। ईवी निर्माता, रिटेल विक्रेता, नीति निर्माता और एंड यूजर्स फ्रेंचाइजी इंडिया द्वारा आयोजित सबसे बड़े इलेक्ट्रिक व्हीकल शो “ईवी कॉन्फेक्स” में शामिल हुए, जो मुंबई में नेस्को के बॉम्बे एग्जीबिशन सेंटर में शुरू हुआ है।
अपनी तरह का पहली, एग्जीबिशन के साथ साथ ये एक ऐसा खास प्लेटफॉर्म है जहां चुनौतियों पर चर्चा की जा सके। इसके साथ ही ईवी रेवोल्यूशन को अगले स्तर तक ले जाने के लिए रोड मैप विशेष रूप से निर्माताओं और एंड यूजर्स को जोड़ा जा सके। ईवी एक्सपो ने इस सेक्टर के सबसे प्रभावशाली लोगों को अपने नॉलेज और उपलब्धियों को साझा करने, एक सस्टेनेबल भविष्य के अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा करने और उपस्थित लोगों को प्रदर्शित करने के लिए एक साथ लाया कि कैसे उनकी कंपनियां परिवहन के एक क्लीन, कम प्रदूषणकारी मोड पर स्विच कर सकती हैं।
रितु मार्या, एडिटर इन चीफ-एंटरप्रेन्योर इंडिया एपीएसी ने कहा कि “जैसे-जैसे ईवीएस का दायरा बढ़ता है, यह प्री-ओन्ड वाले बाजार, विभिन्न सेवाओं, सरकारी एजेंसियों में अपना लिए तेजी से अपना आधार बना लेगा। इसके साथ ही ना केवल प्रमुख हितधारकों के लिए नए अवसर उपलब्ध करवाना जरूरी है बल्कि सभी स्तरों पर ईवी अपनाने को बढ़ाने के लिए जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है।”
ईवी एक्सपो के दौरान लगभग 100 से अधिक कंपनियों और प्रदर्शकों ने नवीनतम और तकनीकी रूप से एडवांस्ड प्रदूषण मुक्त 2 और 3 पहियों वाले ई-वाहन, कलपुर्जे और सहायक उपकरण, चार्जिंग समाधान, तकनीकों का प्रदर्शित किया। इस सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए दो दिनों के दौरान 50 से अधिक प्रमुख जानकारों, इनोवेटर्स, निवेशकों, डेवलपर्स और ईवी विशेषज्ञों ने 10 से अधिक सत्रों में हिस्सा लिया और अपने विचार रखे।
डॉ. योगेश भाटिया, एमडी और सीईओ, एलएमएल इलेक्ट्रिक ने कहा है कि “एलएमएल के लिए यह हमारी 50वीं वर्षगांठ का वर्ष है-सुविधा समाधान के आधार पर स्टार बाइक्स में हमारे अद्वितीय इनोवेशंस से आगे काफी नए अवसर पैदा होंगे। यदि हम उपभोक्ता को आवश्यकता से बदल पाए तो ईवी कम्युनिटी बड़ी होगी। हम फ्रेंचाइजी डीलरशिप के माध्यम से एलएमएल के लिए ऑफलाइन-ऑनलाइन होंगे।”
दो दिवसीय मेगा इवेंट इंडिया ईवी शो-कॉन्फ्रेंस में एनर्जी सेक्टर को नई तकनीकों जैसे ऊर्जा दक्षता, कार्बन कटौती रणनीतियों, भविष्य के शहरों, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाते हुए आगे बढ़ाने, इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज जैसे विषयों पर शामिल किया गया। इसके साथ ही इस तरह के बड़े एक्सपो, मुख्य संबोधनों और व्यावहारिक वर्कशॉप्स के माध्यम से परिवहन के कम प्रदूषणकारी मोड का मार्ग प्रशस्त करने वाले संगठनों के लिए फाइनेंसिंग रणनीतियों को आगे बढ़ाना जरूरी है।
इस दौरान प्रमुख वक्ताओं में रणधीर एस, निदेशक, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नीति आयोग, पंकज शर्मा, सह-संस्थापक, लॉग9 मैटेरियल्स, अंकित सिंह, सह-संस्थापक और सीईओ, आई-इलेक्ट्रिक, इरफ़ान कवूसा, वर्टिकल लीड, इन्वेस्टर्स एंड फ्रैंचाइज़ रिलेशंस, स्टेटिक और पी शिवसुब्रमण्यन, एमडी, फेनफियो ऑटोमेशन आदि शामिल हैं।
भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बाजार को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है। भारत की मुख्य राष्ट्रीय ईवी नीति फेम 2 (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना है। इसमें घरेलू ईवी विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के उपाय शामिल हैं और 2019 से शुरू होने वाले तीन वर्षों में 1.6 मिलियन हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 1.4 बिलियन अमरीकी डालर का आवंटन किया गया है, जिसमें दोपहिया और तिपहिया वाहन, बसें और कार शामिल हैं। फेम 2 इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए कई उत्साहजनक प्रयासों में से एक है।
भारत में नीति निर्माताओं को जिन कुछ सबसे महत्वपूर्ण लीवरों का उपयोग करने की आवश्यकता है, वे हैं अनिवार्य तौर पर अपनाए जाने के लक्ष्य, आवश्यक कम्पोनेंट्स का लोकलाइजेशन, नियमों और मानकों पर स्पष्ट मार्गदर्शन और सार्वजनिक परिवहन में ईवी को अपनाना है।