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आज भी पनवेल के आदिवासी गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित

आज भी पनवेल के आदिवासी गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित,


बिजली एंव पानी के लिए संघर्ष जारी



पनवेल। 18वीं लोकसभा के 543 सदस्य चुनने के लिए 19 अप्रैल 2024 से 1 जून 2024 तक भारत में आम चुनाव होने जा रहे हैं. इसको लेकर पूरे देश में माहौल गर्म है और सत्ताधारीयों का एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप जारी हैं. विकसित भारत, डिजिटल इंडिया के साथ-साथ विश्वगुरु भारत का सपना दिखाया जा रहा है. हालांकि पनवेल की कई आदिवासी इलाको में आज भी बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. जिसके कारण जंहा देश अमृत महोत्सव वर्ष माना रहा है उसी में इन आदिवासी नागरिको को अपने बुनियादी मुद्दों के लिए संघर्ष आज भी जारी है।


पनवेल तालुका में 70 से अधिक आदिवासी वाडा हैं. कई आदिवासी वाडा आज भी इन बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. इनमें से घेरावाड़ी में आज भी बिजली नहीं है. चुनाव के दौरान सभी नेता बड़ा-बड़ा वादा करते है. लेकिन देश की आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी आज भी आदिवासी इलाकों  तक बिजली नहीं पहुंच पाने यह बड़े शर्म की बात है ऐसा एक सामाजिक ने कहा. पनवेल में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है. अगले साल यंहा से पहली उड़ान भी भरेगी. सरकार ने तेजी से कार्य सुरु कर दिया है. 70 साल तक बिजली न होने पर प्रशासन इतना सुस्त कैसे हो सकता है? ऐसा सवाल किया जा रहा है।

सैकड़ो लोगो की बस्ती

घेरावाड़ी में 29 परिवार रहते हैं एंव सैकड़ो लोगो की बस्ती है. यहां के आदिवासी अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बोलने से डरते हैं. सड़क, पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से घेरावाड़ी के आदिवासी वंचित हैं. इसके अलावा उसी क्षेत्र के कोरलवाड़ी में भी सड़क और पानी की बडी कमी है. ये दोनों ग्राम पंचायतें आपटा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आती हैं।


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