राजनीतिक दलों के दबाव के कारण अनाधिकृत विज्ञापनों पर कार्रवाई करने से मनपा का टालमटोल

राजनीतिक दलों के दबाव के कारण अनाधिकृत विज्ञापनों पर कार्रवाई करने से मनपा का टालमटोल


नवी मुंबई। शहर में राजनीतिक पदाधिकारियों के जन्मदिन, पार्टी प्रवेश, जनहित के फैसलों का श्रेय लेने के साथ ही सभी धर्मों के त्योहारों के मौके पर बड़ी संख्या में अनाधिकृत विज्ञापन किये गये हैं.  लेकिन प्रशासन शहर को बदरंग करने वाले इन अनाधिकृत विज्ञापनों पर कोई कार्रवाई नहीं करता दिखाई दे रहा है. सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक दलों के दबाव के कारण अनाधिकृत विज्ञापन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.  वाशी सेक्टर 17, तुर्भे नाका, सानपाड़ा पुलिस स्टेशन के सामने वाली सड़क, वाशी सेक्टर 9, 16 जुईनगर, नेरुल रेलवे स्टेशन के पास, सीवुड सेक्टर 48 में कुछ नवरात्रि उत्सव मंडलों ने मनपा से अनुमति लिए बिना विभिन्न विज्ञापन लगाए हैं. इससे मनपा के राजस्व को भी लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।

          न्यायालय ने शहर को बदरंग करने वाले अनाधिकृत बैनर, फ्लेक्स, विज्ञापनों पर कार्रवाई के आदेश बार-बार दिए हैं.  इसके बावजूद तमाम धार्मिक त्योहारों के मौके पर बड़ी संख्या में अनाधिकृत विज्ञापन लगाए जा रहे हैं.  न्यायालय ने अवैध फ्लेक्स, बैनरों की शिकायत के लिए नागरिकों को टोल फ्री नंबर देने का आदेश दिया है. लेकिन उनमें से कुछ टोल फ्री नंबर बंद हैं.  नेताओं का निशाना न बनना पड़े इसलिए पिछले महीने महोत्सव खत्म होने के बाद मनपा प्रशासन ने कुछ बोर्ड हटाये थे.  साथ ही, अब जब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, तो कुछ राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों, जिन्हें गली-मुहल्लों में भी कोई नहीं जानता ऐसे लोगो ने भावी विधायक के रूप में शहर में बड़ी संख्या में अनाधिकृत होर्डिंग लगाए हैं.  इसके अलावा, कुछ लोगों ने बिना अनुमति के उत्सव स्थल पर विभिन्न डेवलपर्स की परियोजनाओं के सैकड़ों होर्डिंग लगा रखे हैं।

आयुक्त भी चुप

मनपा की मूर्खतापूर्ण नीतियों के कारण ऐसे विज्ञापनों के कारण शहर की छवि खराब हो रही है.  स्वच्छ भारत मिशन के दौरान शहर को स्वच्छ रखने के लिए घनकचर प्रबंधन विभाग कड़ी मेहनत कर रहा है. लेकिन अतिक्रमण विभाग स्वच्छता में खलल डालने वाले अनाधिकृत होर्डिंग्स का समर्थन कर रहा है ऐसी तस्वीर है. मनपा अधिनियम में शहर को बदरंग करने वालों पर जुर्माना लगाने और इन बोर्डो को निकालने में आए खर्च की वसूली करने का प्रावधान है. साथ ही, आयुक्त के पास इस संबंध में कार्रवाई नहीं करने वाले संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की शक्ति है;  लेकिन आयुक्त पर भी राजनीतिक दलों का दबाव होने के कारण वे भी चुप होने का कहा जा रहा हैं।


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