खारघर को शराब मुक्त शहर घोषित करने की फिर उठी मांग
नवी मुंबई। खारघर शहर को शराब मुक्त शहर करने के लिए खारघर कच्छ कडवा पाटीदार समाज खारघर और कडवा पाटीदार युवक मंडल खारघर ने पहल की है. इसके लिए किसी भी होटल में शराब पीने की अनुमती न देने का निवेदन खारघर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक को देकर मांग किया गया है।
पुलिस को दिए गए पत्र में बताया गया है कि खारघर के निवासियों द्वारा वर्ष 2002 से ही खारघर शहर को शराब मुक्त करने की मांग उठाई जा रही है. पिछले 23 वर्षों में खारघर के नागरिकों ने इस मांग को पूरा करने के लिए बार-बार विरोध प्रदर्शन किए हैं. इसके लिए विभिन्न प्रशासनिक स्तरों पर व्यापक पत्राचार किया गया है. वर्ष 2007 से खारघर में विभिन्न सांस्कृतिक संगठन, निवासी संघ, महिला समूह, शैक्षणिक संस्थान और राजनीतिक दल एक आंदोलन छेड़ एक साथ आए हैं.इन लोगो ने कई विरोध प्रदर्शन और मार्च आयोजित किए हैं. इस आंदोलन के परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में खारघर में खुली कई शराब की दुकानें और बार को जिल्हा समिति की रिपोर्ट पर रायगढ़ कलेक्टर द्वारा बंद कर दिया गया था. जिसने शहर को "शराब मुक्त क्षेत्र" के रूप में अपनी पहचान मिली थी. हालांकि, इसके बावजूद प्रशासन ने हाल ही में लोगों की भावनाओं की अनदेखी करते हुए कुछ तकनीकी आधारों पर खारघर में शराब के लाइसेंस को मंजूरी दे दी है. यह फैसला खारघर निवासियों की सामूहिक इच्छा के खिलाफ होने के कारण नागरिको द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है. जिसके चलते खारघर में दिए गए "शराब बिक्री लाइसेंस" तुरंत रद्द किए जाएं, भविष्य में कोई नया शराब बिक्री लाइसेंस जारी न किया जाए और खारघर को आधिकारिक तौर पर शराब मुक्त शहर घोषित किया जाए, ऐसी मांग खारघर कच्छ कडवा पाटीदार समाज खारघर और कडवा पाटीदार युवक मंडल खारघर ने पुलिस से निवेदन देकर की है. इसके अलावा अगर मांग पूरी नही की गई तो एक बार फिर बड़ा जनआंदोलन शुरू की जाएगी एंव इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी, ऐसी चेतावनी भी दि गई है।