मुंबई ः कांग्रेस-राकांपा महागठबंधन में जगह नहीं मिलने के बाद राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की बजाए, उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है, जहां जीत की संभावना ज्यादा है।
लोकसभा चुनाव पर रणनीति बनाने के लिए सोमवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के नेतृत्व में पार्टी नेताओं की बैठक उनके निवास स्थान कृष्णकुंज पर हुई। पार्टी ने किसी महागठबंधन में शामिल होने के बजाए पार्टी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया है। बैठक में शामिल नेताओं का कहना था कि उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ा जाए जहां जीत का चांस ज्यादा है। मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में लोकसभा की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही गई। इसके अलावा पार्टी नासिक जिले की सीट पर भी उम्मीदवार उतारने का मन बना रही है, लेकिन यह अभी तय नहीं है। पार्टी पदाधिकारियों ने एक सुर में कहा कि सवाल जीत-हार का नहीं है, लोकसभा चुनाव लड़ने का है और पार्टी को लड़ना भी चाहिए।
मनसे के एक नेता ने बताया कि पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ेगी, लेकिन कितने सीटों पर, और कौन-कौन सी सीटों पर, इस मुद्दे पर अबतक निर्णय नहीं लिया गया है। अंतिम फैसला जल्दी ही लिया जाएगा। गौरतलब है कि राकांपा नेता शरद पवार चाहते थे कि कांग्रेस-राकांपा के महागठबंधन में मनसे भी शामिल हो, लेकिन कांग्रेस तैयार नहीं हुई। उसने मनसे और एमआईएम से पहले ही दूरी बना रखी है। बताया जाता है कि कांग्रेस के विरोध और राष्ट्रव्यापी परिणाम को देखते हुए पवार ने भी हाथ पीछे खींच लिए। पवार को कहना पड़ा कि महागठबंधन में मनसे के लिए कोई जगह नहीं है।