गोंदिया : दूध में होने वाली मिलावट व उससे स्वास्थ्य पर होने वाले परिणाम क्यूआर कोड के माध्यम से रोके जाएंगे. दूध की मिलावट पर अंकुश लगाने के लिए अब तंत्रज्ञान का उपयोग किया जा रहा है. इसमें दुध उत्पादक किसान, संकलन केंद्र, दूध पर प्रक्रिया केंद्र इन सब स्थानों पर क्यूआर कोड दिया जाएगा, इसके माध्यम से मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दूध की गुणवत्ता, दर्जा बनाए रखने के लिए किसान दूध निकालते समय हाथ मौजे का उपयोग करता है या नहीं, दूध संकलन केंद्र के स्थान पर परिसर स्वच्छ है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी.
दूध संकलन केंद्र व दूध की प्रक्रिया करने वाले स्थान पर पर्याप्त सुविधा व स्वच्छता पर अधिकाधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा, वहीं दूध की मिलावट रोकने पर किसानों की आर्थिक परिस्थिति में सुधार होगा. इससे ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे. दूध की मिलावट रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाएंगे, इतना ही नहीं मिलावटी दूध ग्राहकों को देने के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी. राज्य शासन ने डीएनवीजीएल व आयआरक्युएस इस कंपनी के साथ अनुबंध किया है, जिससे दूध की मिलावट व दर्जा बनाए रखने के लिए इस कंपनी के तकनीकी ज्ञान का उपयोग किया जाएगा.
इसी तरह दूध की जगह पर जांच कर दूध के दर्जे संबंधी जांच करने के लिए मोबाइल प्रयोगशाला का उपयोग किया जाएगा. इसमें दूध में मिलावट करने वालों के खिलाफ जगह पर ही कार्रवाई की जाएगी. दूध व्यवसाय और अन्न व औषध प्रशासन संयुक्त रूप से कार्रवाई करेंगे. इसके लिए उपयोग की जाने वाली मोबाइल वैन अपडेट कर दी गई. जिससे दूध के नमूनों की जांच, जनजागृति, महत्व वाले संदेश, प्रदर्शन जैसी विभिन्न 10 तरह की सुविधा इस मोबाइल वॅन में उपलब्ध होगी.
राज्य के दूग्ध विकास विभाग में कार्यरत रसायनशास्त्र विशेषज्ञ (केमिस्ट) के माध्यम से जांच करना संभव नहीं है, इसमें उपयुक्त जांच करने के लिए रसायनशास्त्र विशेषज्ञों को जरूरी प्रशिक्षण अन्न व औषध प्रशासन द्वारा दिया गया है. दूध व दूग्धजन्य पदार्थ में मिलावट जांच के लिए अन्न व औषध प्रशासन तथा दूग्ध व्यवसाय विकास विभाग के जिला निहाय संयुक्त दल तैयार किए गए है, इस दल के समन्वय के लिए जिला स्तर पर अन्न व औषध प्रशासन के सहायक आयुक्त व जिला दूध व्यवसाय विकास अधिकारी काम देखेंगे. इस जांच दल में अन्न सुरक्षा अधिकारी, दुग्धशाला पर्यवेक्षक सहित अन्य अधिकारियों का समावेश है. इसमें कुल मिलाकर दूध में मिलावट रोकने के लिए रोड मैप तैयार किया गया है.