करण जौहर ने एक इवेंट के दौरान अपनी जिंदगी से जड़े कई अहम खुलासे किए हैं। इवेंट के दौरान उन्होंने कहा- बच्चे मेरा मजाक उड़ाते थे, सब कहते थे कि मैं लड़कियों की तरह चलता हूं और वैसे ही रोता भी हूं। उन्होंने आगे कहा कि आदमी बनने के लिए मैंने 3 साल ट्रेनिंग ली। पापा से झूठ बोल कर मैं ट्रेनिंग लेने जाता था। करण की जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था, जब आवाज की वजह से उन्हें लोगों के ताने सुनने पड़ते थे।
15 साल की उम्र में गए थे डॉक्टर के पास ताने सुनकर हो गया था परेशान
करण ने बताया- मैं ये सुनते हुए बड़ा हुआ कि लड़कियों जैसे मत चलो, उनकी तरह डांस मत करो। कई बार तो लोग मुझे ताना मारकर कहते थे कि तुम्हारी आवाज लड़कियों जैसी है। लोगों के ताने सुनकर मैं इतना परेशान हो गया था कि मात्र 15 साल की उम्र में अपना इलाज कराने डॉक्टर के पास चला गया था।
ट्यूशन का बनाता था बहाना
करण ने बताया- मैं स्पीच थेरेपिस्ट के पास गया और उनसे कहा कि मेरी आवाज बदल दो। इसके लिए मैंने ट्रेनिंग ली और 3 साल तक आवाज चेंज करने की प्रैक्टिस की। ये दौर मेरे लिए बहुत खराब था। मैं ट्रेनिंग लेने पापा से झूठ बोलकर जाता था। मैं उनसे कहता था कि मैं ट्यूशन पढ़ने जा रहा हूं। क्योंकि मैं उन्हें ये नहीं बता सकता था कि मैं आदमी बनने जा रहा हूं।
कभी नहीं टोकते थे पापा
मेरे घर पर कभी ऐसा माहौल नहीं रहा कि कोई मुझे टोके। 8 साल की उम्र में मैंने सरगम फिल्म देखी थी। फिल्म का ढपली वाले ढपली बजा, गाना मुझे बहुत पसंद आया था। मैं घर पर भी इस गाने की प्रैक्टिस करता था। मैं हमेशा जया प्रदा के हिस्से वाला डांस करता। सबसे अच्छी बात ये थी कि मुझे ऐसा करते देख कर भी पापा कभी नहीं टोकते थे।
मजाक उड़ने के कारण छोड़ दिया खेलना
घर में तो कोई नहीं कहता था कि मैं गलत कर रहा हूं, लेकिन जब घर से बाहर निकलता था बिल्डिंग के बच्चे और स्कूल में सीनियर्स मेरा मजाक उड़ाते थे। स्कूल में मजाक उड़ने के कारण मैंने स्पोर्ट्स में भाग लेना बंद कर दिया। मैं जब भी चलता या दौड़ता था तो बच्चे मेरा मजाक बनाते थे। मेरे हाथ-पैर अन्य लड़कों की तरह नहीं थे। मैं जब भी बोलता था तो लोग मेरी आवाज पर हंसते थे। इन सबके बावजूद मेरे पेरेंट्स का व्यवहार मेरे लिए एकदम कूल था। उन्हें कभी नहीं लगा मैं कुछ अजीब कर रहा हूं।