कुर्ला के नागरिकों को धारावी के स्थानांतरण का विरोध

कुर्ला के नागरिकों को धारावी के स्थानांतरण का विरोध

मुंबई। कुर्ला के दूध डेयरी की जगह पर धारावी पुनर्वास परियोजना के तहत झोपड़ी धारकों का स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने जीआर निकाल मंजूरी देने से मुलुंडकरों के बाद कुर्ला के नागरिकों ने धारावी के स्थानांतरण का विरोध हुआ है. धारावी के झोपड़ी धारकों को कुर्ला की जमीन पर फिर से बसाने का सरकार का फैसला जैसे ही अखबार में छपा, कुर्ला के नागरिकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. शिवसेना विधायक मंगेश कुडालकर के माध्यम से कुर्ला के नागरिकों ने कुर्ला नेहरू नगर के बिल्डिंग नंबर 130 पर विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर बड़ी संख्या में कुर्ला के नागरिक मौजूद थे और धारावी पुनर्वास परियोजना के इस सरकारी फैसले के खिलाफ नारे बाजी की गई।


धारावी हटाव कुर्ला बचाव की नारेबाजी की गई. विरोध प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ पत्रकार प्रसाद मोकाशी ने कहा कि इस स्थान पर बोटनिकल गार्डन और खेल परिसर की मांग थी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुर्ला महोत्सव के दौरान इसकी घोषणा की थी. अब इस जीआर के कारण हम सब मिलकर विधायकों के हाथ मजबूत करेंगे. इस अवसर पर विधायक मंगेश कुडालकर ने कहा कि धारावी की झुग्गियों को कुर्ला में स्थानांतरित करने की खबर पढ़ते ही मैंने काम शुरू कर दिया है.  इसको लेकर सभी विभागों में पत्राचार किया गया है. 

भले ही मैं सरकार में हूं, हमें अपनी मांगों के लिए सड़कों पर उतरना होगा.'  दूध डेयरी की इस साइट पर बहुत सारे पेड़ हैं, अगर कोई प्रोजेक्ट यहां आएगा तो ये पेड़ काट दिए जाएंगे और हवा का झोंका जीवन को खत्म कर देगा.  सरकार को उस स्थान पर धाराविकरों का पुनर्वास करना चाहिए या उन्हें पॉप परियोजना में जगह देनी चाहिए. लेकिन कुर्ला के नागरिक इसका विरोध करेंगे.  इसलिए हमने इस प्रोजेक्ट को रद्द कर यहां के लोगों को आपत्ति प्रमाण पत्र देकर कुर्ला दूध डेयरी की जगह पर एक बॉटनिकल गार्डन, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का प्रस्ताव दिया है, ताकि यहां के लोगों को एक अच्छा पार्क और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स उपलब्ध हो सके.  विधायक मंगेश कुडालकर ने आखिरकार कुर्ला के नागरिकों को चेतावनी दी है कि जब तक यह परियोजना रद्द नहीं होगी, तब तक यह परियोजना रद्द नहीं होगी.  इस मौके पर सामाजिक व राजनीतिक गणमान्य लोग मौजूद रहे और उन्होंने इसका विरोध करने का एलान किया.  इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और वरिष्ठ नागरिक मौजूद थे।


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