हाथी पांव के 52 मरीज पनवेल में
पनवेल। पनवेल तालुका में हाथी पैर बीमारी के 52 मरीजों का स्वास्थ्य विभाग के पास दर्ज किया गया है. इसमें पनवेल मनपा क्षेत्र के 25 और पनवेल ग्रामीण क्षेत्र के 27 मरीज शामिल हैं. मनपा की स्थापना के बाद से मनपा क्षेत्र में न्यू पनवेल क्षेत्र में तीन और नावडे गांव में एक ऐसे चार नए मामले सामने आए हैं. वर्तमान में मनपा ने हाथी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर सर्वेक्षण कराकर यह पता लगाने का अभियान चलाया है. पनवेल तालुका की आबादी 13 लाख है. जिसमें से मनपा क्षेत्र की आबादी 10 लाख है. पनवेल मनपा क्षेत्र में, रोहिंजन, पेनधर इन गांवों सहित पनवेल शहर कोलीवाड़ा और तलोजा पचानंदनगर क्षेत्र में मनपा के सर्वेक्षण में हाथी पैर रोग के रोगियों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है।
हाथीपांव बाधित मरीजों को दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया जा रहा है एंव इन मरीजों पर होनेवाली सर्जरी के लिए मनपा द्वारा सहयोग किये जाने की जानकारी पनवेल मनपा के चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद गोसावी ने दिया है. हाथी रोग एक दुर्लक्षित बीमारी है. जिसमें हाथी पैर और आंतरिक प्रजनन के लक्षण दिखाई देते हैं. ये दोनों ही बीमारियाँ सामाजिक रूप से बेहद संवेदनशील हैं. हाथी पैर के रोगी में एक निश्चित वृद्धि के बाद, रोगी की गति गंभीर रूप से प्रतिबंधित हो जाती है. रोगी स्वतंत्र रूप से घूम नहीं सकता. आंतरिक प्रजनन के लिए अस्पताल में सर्जरी कराने से इस रोग के प्रमाण को कम किया जा सकता है. हाथी पांव के मरीजों के पैरों में सूजन आ जाती है और पैरों की गति पर प्रतिबंध लग जाता है, रोगी दूसरों की मदद के बिना चलने-फिरने में असमर्थ हो जाता है. इसके कारण रोगी को एक प्रकार की अंपगत्व प्राप्त हो जाती है. सरकारी निर्णय के प्रावधानों के अनुसार ऐसे मरीजों की जिला शल्य चिकित्सक के माध्यम से जांच कर दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया जाता है.