रेजोल्यूशन प्रोफेशनल अभय मनुधाने के खिलाफ वधावन ने की आईबीबीआई में शिकायत
फर्जी दावों को पास करने के फैसले के खिलाफ वधावन ने IBBI का दरवाजा खटखटाया
एचडीआईएल के पालघर स्थित प्रोजेक्ट पैराडाइज सिटी में फ्लैट ओनरों कथित झूठे दावों को स्वीकारते हुए कंपनी प्रशासक (रेजोल्यूशन प्रोफेशनल) अभय मनुधाने ने उनसे जुड़े करोड़ों के कर्ज चुकाए जाने के रेजोल्यूशन को पारित करने के खिलाफ अब जेल से जमानत पर रिहा एचडीआईएल के प्रमोटर और सस्पेंडेड डायरेक्टर राकेश वधावन ने इनसोलवेंसी एंड बैंकरप्ट्सी बोर्ड ऑफ इंडिया में शिकायत की है.
शिकायत में कहा गया है कि पालघर स्थित पैराडाइज सिटी प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट को प्रशासन की ओर से ओसी मिल चुका था. सेक्टर 1 में कई इमारतों ने अपनी सोसाइटी का गठन कर कई ग्राहकों ने प्रोजेक्ट में अपने मकान का पोजेशन भी लिया. बावजूद इसके कर्जदारों की सूची में ऐसे कई मकान खरीददारों के नाम को शामिल किया गया जो इस समय अपने मकान में रह रहे हैं. आरोप है कि प्रशासक द्वारा जो यहां मकान में रह रहे हैं, उनके फर्जी दावों की बिना जांच किए रेजोल्यूशन प्लान को भी पारित कर कंपनी की लायबिलिटी बढ़ाने की कोशिश की गई. जिन फ्लैट ओनरों ने समय पर पोजेशन नहीं लिया और जिनसे कंपनी को ब्याज वसूलना चाहिए ऐसे भी कई ग्राहकों को रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के द्वारा कर्जदारों की सूची में शामिल किया गया है.
वधावन ने अपने दावे को मजबूत करने के लिए कुछ दस्तावेज भी पेश किए हैं. कई झूठे दावें हैं जिन्हे बिना पड़ताल स्वीकार कर लिया गया, जिसके चलते कंपनी के कर्जदारों की संख्या बढ़ गई. ऐसे फर्जी दावे सिर्फ पालघर साइट ही नहीं बल्कि नाहुर और कुर्ला साइट पर भी स्वीकार किए जाने का आरोप है. हालांकि इससे पहले *आरपी* ने शिकायतकर्ता को इन आरोप पर सफाई देते हुए बताया कि सिर्फ नेम प्लेट पर नाम होने का मतलब ये नहीं कि ग्राहकों को मकान मिल गए. इसके अलावा रेजोल्यूशन प्लान स्वीकारने के बावजूद स्क्रीनिंग कमिटी दावों की दोबारा जांच करती है और किसी भी ग्राहक को दोबारा मकान नहीं दिया जाएगा. ऐसे में इस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी ना होने का भी आश्वासन दिया.
बहरहाल शिकायतकर्ता की बोर्ड से मांग है कि इस मामले की जांच कर फर्जी दावों को कर्जदारों की सूची से निकाला जाए. बोर्ड इस मामले में जल्द ही सुनवाई कर सकता है.