रात में चलने वाले अवैध व्यबसाय को किसका बढ़ावा ?
नवी मुंबई शहर में 24 घंटे चाय से लेकर धूम्रपान की मिलती है सेवा
नवी मुंबई। नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय की हद में आनेवाला कई इलाका असामाजिक तत्वों का गड बनता जा रहा है. इतना ही नही नेरुल से लेकर एपीएमसी परिसर तक गैरेज चालकों के अतिक्रमण एंव बार चालकों की मनमानी के कारण स्थानिक भी परेशान है. इतना ही नही रात में खाद्य पदार्थ बिक्री करने की आड़ में रात भर मादक पदार्थों की बिक्री खुलेआम किया जा रहा है. लेकिन पुलिस आंखों पर पट्टी बांधे दिखाई दे रही है. जिसके कारण नागरिको द्वारा लापरवाह कर्मियों पर कड़ी कार्यवाई की मांग वरिष्ठों से की जा रही है।
बता दें कि नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय की हद में आनेवाले नेरुल एंव एपीएमसी इलाक़े में गैरेज चालकों से लेकर बार मालिको की मनमानी शुरू है. इतना ही नही नेरुल, वाशी समेत एपीएमसी का कई इलाका असामाजिक तत्वों का डेरा भी बन गया है. ये असामाजिक तत्व वाशी रेलवे स्टेशन के पास रघुलिला माल के पास, जुईनगर हाइवे, नेरुल के एलपी ब्रिज के पास, उरण फाटा हाइवे समेत सायन- पनवेल महामार्गो पर रात भर चलने वाली टपरियो पर जमा होते है एंव रातभर कई इलाकों में अनेको घटनाओं को अंजाम देते है. हालांकि यह सारा कार्यभार पुलिस के आर्शीवाद से सुरु रहने का आरोप नागरिको द्वारा लगाया जा रहा है. नागरिको का आरोप है कि रहिवासी इलाकों में बने बारो- लॉज के कारण युवाओं पर गलत प्रभाव पड़ रहा है. अभी हाल ही में कुछ दिन पहले लॉज में महिला की लाश मिली थी. इसके बाद शनिवार को नेरुल के नीलगिरी गार्डन स्थित कॉन्वोस बार के पास दो लोगो मे जमकर मारपीट हुई. इतना ही नही इस बार के बाहर हाइवे पर वाहनो की पार्किंग से लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है. हालांकि पुलिस इस तरह आंख मुनि दिखाई दे रही है।
सीनियर साहब के नाम पर डराने धमकाने वाले पर कार्यवाई क्यों नही ?
पिछले महीने सोशल मीडिया पर नेरुल सेक्टर 20 के एक पान टपरी चालक को गुटखा सप्लायर द्वारा डरा- धमकाकर कार्यवाई करने का डर दिखाकर गुटखा उसी से लेने के लिए दबाव बनाने का वीडियो सामने आया था.उस वीडियो में धमकाने वाला व्यक्ति द्वारा सीनियर साहब ने बोला है कहने का स्पष्ठ सुना जा रहा था. लेकिन नेरुल पुलिस ने धमकाने वाले व्यक्ति को छोड़ मात्र टपरी चालक पर गुटखा बिक्री के आरोप में कार्यवाई की. अब इस घटना से यह भी सवाल निर्माण हो रहा है कि इस तरह धमकाने वाले व्यक्ति पर कार्यवाई क्यों नही हुई. इतना ही नही इसतरह दिन दहाड़े सीनियर साहब का डर दिखाने वाले उस व्यक्ति पर किसीकी छाया है? जिसके कारण पुलिस के कार्यभार पर नागरिको द्वारा संदेह किया जा रहा है।