मुंबई: मुंबई समेत पूरे एमएमआर क्षेत्र में मेट्रो के पतरे ठोंक कर मेट्रो का जाल बिछाने का जो भ्रम निर्माण किया जा रहा है, यह 2019 के चुनाव में जनता को छलने के लिए बीजेपी का एक और छलावा है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने सोमवार को यह बातें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के इस चुनावी छलावे से मुंबई की जनता रोज परेशान हो रही है। जगह-जगह जमीन खोद कर छोड़ दी गई है। इससे ट्रेफिक जैम हो रहा है। प्रदूषण बढ़ रहा है। निरुपम ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2016 में कहा था कि मेट्रो ए और बी का काम 2019 तक पूरा हो जाएगा। अब कहा जा रहा है कि 2022 तक पूरा होगा। वर्तमान में 2019 चल रहा है। मेट्रो के पांच रूट में से एक भी रूट का काम पूरा नहीं हुआ है। काम की जो गति है उसके मुताबिक लगता नहीं है कि 2030 तक भी यह काम पूरा हो पाएगा। मुंबई में एक साथ मेट्रो के पांच रूटों पर काम शुरू होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन अभी तक एक भी मेट्रो शेड, जिसे कार शेड भी कहते हैं, नहीं बन पाया है।
पतरे लगाने की जल्दीबाजी
निरुपम ने कहा, मेट्रो के पतरे दिखाकर जनता को छलने के लिए सरकार इतनी जल्दी में है कि मेट्रो की न तो सही तरह से प्लानिंग की गई, न डिजाइन किया गया, न मुंबईकरों को विश्वास में लिया गया। मेट्रो स्टेशनों के लिए अब तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है। हाइवे से सटे सर्विस रोड पर भी कुछ मेट्रो स्टेशन बनने हैं, लेकिन यह संभव ही नहीं है। वहां पहले से ही लोगों के घर बने हैं, इमारतें बनी हैं, दफ्तर बने हुए हैं। सरकार बताए कि उन्हें कैसे हटाएगी? मेट्रो 6 का जो रूट है, वह मेट्रो 1 के समानांतर जाएगा। इसके लिए उपनगरों में 70 से 80 इमारतें तोड़नी पड़ेंगी। इसी तरह मेट्रो 7 दहिसर से अंधेरी हाइवे से जाने वाली है। अभी तक 15 किलोमीटर काम भी नहीं हुआ है लेकिन दिखावे के लिए पतरे ठोंक दिए गए हैं। ट्रैफिक में फंसकर आम लोगों का समय औरर पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है।
पवई लेक और आरे तबाह
उन्होंने कहा कि पवई लेक पर एक स्टेशन बनाया जाना है, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। लोगों का विरोध जायज है क्योंकि पानी आने वाले कल की जरूरत है। पवई लेक को बर्बाद नहीं होने दिया जा सकता। मुंबई को जिस आरे की हरियाली से ऑक्सीजन मिलती है, उसे बर्बाद कर वहां कार शेड बनाने की योजना है। पर्यावरणवादी और आरे सेव आरे के कार्यकर्ता इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार किसी की सुनने को तैयार नहीं है।
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा, 'हम विकास का या मेट्रो का का विरोध नहीं कर रहे हैं। सरकार चुनावी फायदे के लिए जिस तरह बिना किसी प्लानिंग के बिना किसी विचार विमर्श के और जनता को विश्वास में लिए बिना फैसले ले रही है, उससे मुंबई के लोगों की तकलीफ दिन-ब-दिन बढ़ रही है।'
सरकार के बचाव में आए शेलार
निरुपम के इन तमाम आरोपों के बाद बीजेपी की तरफ से मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने एक लिखित बयान जारी कर कांग्रेस से सवाल पूछा कि कहीं कांग्रेसियों के इस सारे विरोध के पीछे असली वजह मेट्रो का ठेका अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस को न देना तो नहीं है? उन्होंने कहा कि कहीं कांग्रेस अपनी पुरानी आदत के मुताबिक मेट्रो के ठेकेदारों को सेटलमेंट के लिए तो नहीं धमका रही? उन्होंने कहा कि निरुपम आज भूमिगत मेट्रो की मांग कर रहे हैं, लेकिन एलिवेटेड मेट्रो का प्लान कांग्रेस की सरकार ने मंजूर किया है।
शेलार ने कहा कि कांग्रेस इतने वर्षों में उपनगरीय रेल सेवा का सक्षम पर्याय उपलब्ध नहीं करा पाई। इसकी वजह से लोकल पर अतिरिक्त बोझ है। इसका परिणाम मुंबईकरों को भोगना पड़ रहा है। बीजेपी सरकार ने लोकल रेल सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ मुंबई मेट्रो के काम को तेज गति से शुरू किया है। अच्छे भविष्य के लिए मुंबई के लोग परेशानी सहकर भी मेट्रो के काम में सहयोग कर रहे हैं। इसके लिए मुंबइकर का आभार मानना चाहिए।