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डॉक्टरों ने IPS के पिता को बताया मृत, ADG ने कहा- अभी वो जिंदा हैं

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां सूबे के एडीजी और आईपीएस अधिकारी के पिता को मृत घोषित कर दिया गया है. लेकिन वह अधिकारी अपने पिता के जीवित होने का दावा कर रहे हैं. साथ ही वह कई दिनों से अपने पिता की लाश के साथ ही सो रहे हैं. अब इस मामले की जांच के लिए पुलिस महकमे के तीन अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है, जो इस मामले की हकीकत का खुलासा करेगी.

एमपी पुलिस मुख्यालय में तैनात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) राजेंद्र मिश्रा के 84 वर्षीय पिता के.एम. मिश्रा का भोपाल के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उसी दौरान 14 जनवरी को डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उसके बाद एडीजी मिश्रा अपने पिता को चार इमली स्थित अपने सरकारी आवास पर लेकर आ गए और तब से वह कथित तौर पर उनके पिता का शव उनके घर में ही मौजूद है.

इस मामले के तूल पकड़ने पर राज्य के गृहमंत्री बाला बच्चन ने गुरुवार को कहा कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के पिता का मामला मीडिया के जरिए उनके सामने भी आया है. इस मामले में वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा कर आगे की कार्रवाई करेंगे.

जबकि पुलिस मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि पुलिस महानिदेशक वी.के. सिंह ने तीन अधिकारियों को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है, जो आईपीएस अफसर मिश्रा और उनके परिजनों से बातचीत करेंगे और उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

एडीजी मिश्रा ने एक पत्रकार से बातचीत के दौरान बताया कि उनके पिता के इलाज में निजी अस्पताल ने असमर्थता जताई. और हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद वह अपने पिता को घर ले आए हैं. उनके पिता की हालत गंभीर है. जिसकी वजह से उन्हें कहीं और नहीं ले जा सकते. इस स्थिति में घर पर ही उनका इलाज चल रहा है.

उधर, एडीजी राजेंद्र मिश्रा के पिता का इलाज करने वाले डॉक्टरों का साफ कहना है कि के.एम. मिश्रा 13 जनवरी को उपचार के लिए अस्पताल लाए गए थे. लेकिन 14 जनवरी को उनकी मौत हो गई थी. उन्हें कई तरह की दिक्कतें थी. उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.

सूबे के वरिष्ठ आईपीएस अफसर के पिता के जीवित या मृत होने की चर्चाओं के बीच गुरुवार की सुबह से बड़ी संख्या में लोगों का मिश्रा के बंगले के तांता लग गया. लेकिन इसके बावजूद एडीजी मिश्रा या उनके परिवार का कोई भी सदस्य बंगले से बाहर नहीं आया. अब पुलिस विभाग भी जांच कमेटी की रिर्पोट का इंतजार कर रहा है.



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