लाचार मां ने लगाई फांसी


शगुफ़ा का ये हंसता मुस्कुराता चेहरा अब कभी नजर नहीं आएगा। उसका  एक साल का बच्चा है।  बच्चे का इसी माह के 22 अगस्त को जन्मदिन है।लेकिन उसे जन्म देने वाली मां ही नहीँ है। शगुफ़ा ने अपनी ससुराल में ससुरालवालों के अत्याचार से परेशान होकर   फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।


दो साल पहले शगुफ़ा ने मंसूर अहमद से प्रेम विवाह किया था। दोनों एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करते थे। वही दोनों में प्रेम हुआ और उन्होंने दो साल पहले शादी कर ली। उनका जीवन खुशहाल था। एक साल बाद उन्हें एक बेटा हुआ ।  ननंद की शादी के लिए ससुराल वालों के कहने पर लिए कर्ज ने शगुफ़ा की जिंदगी बदल दी।  शगुफ़ा ने इस शादी के लिए साढ़े चार लाख  रूपये का पर्सनल लोन लिया था। जिसकी क़िस्त जमा नहीं होने से घर में झगड़े होते थे और उल्टे शगुफ़ा को ही  प्रताड़ित किया जाता था । 


बाइट - शबाना शेख,  शगुफ़ा की मां


रोज रोज के अत्याचार से परेशान होकर शगुफ़ा ने अपनी ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसी 22 अगस्त को शगुफ़ा के बेटे का पहला जन्मदिन है। लेकिन आज उसकी मां हमेशा के लिए उसे  छोड़कर जा चुकी है । शगुफ़ा की ससुराल मुम्बई के  वडाला इलाके  में है । सायन अस्पताल में शगुफ़ा का पोस्टमार्टम किया गया। इसके साथ ही वडाला टी टी पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है।


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