नई दिल्ली/लखनऊ, अवैध खनन मामले में छापेमारी के बाद सीबीआई ने सोमवार को दावा किया कि अखिलेश यादव जब यूपी के मुख्यमंत्री थे, तब सीएम ऑफिस ने एक ही दिन 17 फरवरी 2013 को खनन के 13 पट्टों को मंजूरी दे दी थी। ऐसा ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए किया गया था। इसी के बाद हमीरपुर की डीएम बी़ चंद्रकला ने खनन पट्टे जारी किए थे। इस बीच, सीबीआई के निशाने पर आए अखिलेश के समर्थन में बसपा, कांग्रेस और AAP भी उतर आए और मोदी सरकार पर राजनीतिक फायदे के लिए सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया। संसद में भी सपा सांसदों ने हंगामा भी किया। बसपा नेता मायावती ने अखिलेश को फोन करके भरोसा दिलाया कि वह उनके साथ हैं। बसपा भी ऐसी कार्रवाई की भुक्तभोगी रही है।
25 साल बाद SP-BSP एकसाथ
सपा-बसपा में बढ़ती जुगलबंदी के बीच सोमवार को सतीश मिश्र और रामगोपाल यादव ने दिल्ली में एकसाथ पत्रकारों से बात की। 1994 में दोनों दलों का साथ छूटने के बाद पहली बार दोनों दलों के बड़े नेता साथ नजर आए हैं।