हैडलाइन

परियोजना पीड़ितों के आवश्यक निर्माणों को नियमित करने की कार्यवाही की जाये,




परियोजना पीड़ितों के आवश्यक निर्माणों को नियमित करने की कार्यवाही की जाये,

विधायक गणेश नाईक की मांग पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आदेश,

ऐरोली में मराठी भाषा भवन उपकेंद्र और घनसोली में अंतरराष्ट्रीय क्रीडा संकुल का होगा निर्माण

नवी मुंबई। नवी मुंबई में परियोजना पीड़ितों द्वारा किए गए सभी प्रकार के निर्माणों को नियमित करने तथा अन्यायपूर्ण कार्रवाई को तत्काल रोकने के लिए शासन स्तर पर लोकनेता विधायक गणेश नाईक का लगातार पत्रव्यवहार सुरु था. विधायक नाईक की मांग पर उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने नगर विकास विभाग को इस संबंध में कार्रवाई करने का लिखित आदेश दिया है.  साथ हों विधायक नाईक ऐरोली में एक मराठी भाषा भवन उप-केंद्र और घनसोली में एक अंतरराष्ट्रीय दर्जे का खेल परिसर स्थापित करने की प्रयास कर रहे थे.  ये प्रयास सफल भी हुआ हैं और उपमुख्यमंत्री ने क्रमश: उद्योग एवं खेल विभाग के प्रधान सचिव को इन दोनों वास्तु के निर्माण के लिए कार्रवाई करने का लिखित निर्देश दिए है।

वर्ष 1970 में सरकार ने नवी मुंबई, ठाणे, पनवेल और उरण क्षेत्रों के 95 गाँवों के मूल गाँवठान को छोड़कर सारी ज़मीन सस्ते दाम पर संपादित कर ली. जमीन संपादित करते समय स्थानीय ग्रामीणों को 12.5 प्रतिशत गावठान योजना यानी संपादित जमीन का साढ़े बारह प्रतिशत विकसित भूखंड देने और घर के प्रत्येक व्यक्ति को सिडको में नौकरी सहित स्कूल, समाज मंदिर, पार्क, मैदान, दवाखाना और अन्य सामाजिक सुविधाएँ निर्माण करने का वादा किया गया. लेकिन कुछ अपवादों को छोड़कर, वादे अब तक वादे ही बने हुए हैं. वहीं ग्रामीणों को 12.5 प्रतिशत विकसित भूखंड देने के बजाय वास्तव में केवल पवने नौ प्रतिशत भूखंड दिए गए और आज तक 12.5 प्रतिशत भूखंड भी पूरी तरह से आवंटित नहीं किया गया हैं. सरकारी नियम और कानून के अनुसार हर दस साल में गाँवठान की सीमा बढ़ाई जाती है, नवी मुंबई मनपा क्षेत्र में गाँवठान की सीमा को 50 साल में 5 गुना बढ़ाना आवश्यक था.  लेकिन यहां गांव की सीमा बढ़ाने की योजना लागू नहीं हो सकी.  इससे मूल स्थानीय परियोजना पीड़ितों को भारी नुकसान हुआ है.  परिवारों की बढ़ती संख्या के कारण परियोजना प्रभावित ग्रामीणों ने मूल गांव और विस्तारित गांव में घर बना लिए, इसी तरह आजीविका के साधनों की कमी के कारण परियोजना प्रभावित कई वर्षों से वहीं रह रहे हैं. अब तक इन मकानों को नियमित नहीं किया जा सका है, बल्कि ग्रामीणों द्वारा जरूरत से बनाए गए मकानों को भी तोड़ा जाता है. 



सूचना के अधिकार में सिडको से परियोजना पीड़ितों द्वारा आवश्यकतानुसार बनाये गये मकानों की जानकारी मांगी गयी थी.  उक्त सूचना में चौंकाने वाली जानकारी दी गयी है और इसमें सरकार के निर्णय दिनांक 22/01/2010 के अनुसार भूमि को नियमित करने का प्रावधान था.  लेकिन फिर सरकार के निर्णय दिनांक 25/02/2022 के अनुसार भूमि को नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है बल्कि इसे पट्टे पर देने का प्रावधान है. लेकिन उक्त प्रावधान के संबंध में सरकार का अंतिम निर्णय लंबित है, इसलिए किसी भी निर्माणाधीन जमीन को पट्टे पर नहीं देने का उल्लेख किया गया है. सिडको कॉर्पोरेशन के संकल्प संख्या 9949 दिनांक 03/10/2008 और सरकारी निर्णय दिनांक 22 जनवरी 2010 के कारण, परियोजना पीड़ितों ने यह सोचकर आवश्यकता के आधार पर निर्माण किया है कि नवी मुंबई में निर्माण नियमित हो जाएंगे. इसके बाद भी परिवारों की बढ़ती संख्या के कारण ग्रामीणों ने मजबूरी में निर्माण करा लिया है और सरकार द्वारा वर्ष 2010 में लिए गए निर्णय पर अमल नहीं हो सका है। 



नवी मुंबई में परियोजना प्रभावित ग्रामीणों द्वारा बनाए गए मकानों और व्यावसायिक निर्माणों को समय-समय पर सरकारी स्तर पर नियमित करने को लेकर लोकनेता विधायक नाईक ने सदन में जोरदार आवाज उठाई है.  लेकिन अभी भी नवी मुंबई में ग्रामीणों द्वारा बनाए गए घरों को लेकर अंतिम फैसला बाकी है.  नवी मुंबई शहर के निर्माण के लिए, सिडको ने स्थानीय किसानों की ज़मीनों को अत्यधिक कीमतों पर अधिग्रहित कर लिया और इस प्रकार परियोजना प्रभावित ग्रामीणों के बलिदान पर नवी मुंबई शहर अस्तित्व में आया. जिसके कारण परियोजना प्रभावितों द्वारा  मूल गांवठान एवं विस्तारित गांवठान में आज तक आवश्यकता से किए गए सभी निर्माणों को नियमित किया जाए तथा परियोजना पीड़ितों के हित के सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय लिया जाए. परियोजना पीड़ितों द्वारा आवश्यकतानुसार किये गये सभी निर्माणों में से 5 प्रतिशत भूखण्ड आवंटन में काटी गई 3.75 प्रतिशत जमीन वापस की जाये.  सिडको जमीन अधिग्रहण करते समय दिये गये वादे को तुरंत पूरा करे और परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों के साथ हुए अन्याय को दूर करने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करे, ऐसी मांग लोकनेता विधायक नाईक ने उप मुख्यमंत्री फड़णवीस से किये थे।


घनसोली में अंतर्राष्ट्रीय दर्जे का खेल परिसर...

नवी मुंबई शहर में कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने विभिन्न खेल क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना कौशल दिखाया है.  लेकिन खिलाड़ियों के लिए मार्गदर्शन, गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं और मैदानों की कमी के कारण खेल में उनकी क्षमता के बावजूद आधुनिक सुविधाओं के अभाव के कारण वे अपने कौशल को साबित नहीं कर पाते हैं. लोकनेता विधायक नाईक ने स्थानीय जन प्रतिनिधि के रूप में सिडको से बार-बार खेल परिसर के लिए भूखंड की मांग की, जिसके बाद सिडको ने घनसोली सेक्टर-12, 12 ए और 13 में 36 एकड़ का भूखंड दिया.  इसके बगल में कोंकण डिविजनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 42 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है, और मनपा ने सिडको से उस भूखंड को नवी मुंबई मनपा को सौंपने का भी अनुरोध किया. लेकिन अब तक उक्त भूखंड नवी मुंबई मनपा को नहीं सौंपा गया है.  इसके अलावा सिडको ने क्षेत्रीय खेल परिसर के लिए नवी मुंबई के घनसोली में 42 एकड़ जमीन आरक्षित की थी, इसलिए नवी मुंबई में क्षेत्रीय खेल परिसर को मानगांव के नानोरे में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया. उक्त निर्णय को रद्द करते हुए घनसोली में ही खेल परिसर का निर्माण करने की मांग करते हुए घनसोली में संभागीय खेल परिसर के लिए सिडको द्वारा आरक्षित सभी भूखंडों को नवी मुंबई मनपा को सौंप जाना चाहिए. ऐसा जननेता विधायक नाईक ने भी सिडको निगम को लिखित निवेदन देकर इसकी मांग की है.  साथ ही अगस्त 2022 में उपमुख्यमंत्री फड़नवीस को एक लिखित निवेदन भी सौंपा गया था. घनसोली स्थित खेल परिसर को रायगढ़ जिले के मानगांव में स्थानांतरित करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.  याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने घनसोली स्थित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को रायगढ़ शिफ्ट करने के फैसले को रद्द कर दिया है.  अत: जननायक विधायक नाईक ने उप मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि घनसोली में आधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल परिसर बनाने का कार्य प्रारंभ करने के लिए संबंधितों को यथाशीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दें. जिसे स्वीकार किया गया है।

ऐरोली में मराठी भाषा भवन उपकेंद्र  ....

नवी मुंबई शहर के ऐरोली विधानसभा क्षेत्र में ऐरोली, सेक्टर 13, प्लॉट नंबर -6 ए पर मराठी भाषा भवन उपकेंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया है और उक्त उप-केंद्र के निर्माण के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ली गई हैं. मराठी भाषा भवन उपकेंद्र का काम महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम द्वारा किया जाएगा और मराठी भाषा विभाग ने महाराष्ट्र औद्योगिक निगम को धन सौंप दिया है. फिर भी अभी तक उपकेंद्र का काम शुरू नहीं हो सका है.  लोकनेता विधायक नाईक ने पत्र लिखकर मांग की थी कि ऐरोली सेक्टर-6ए स्थित मराठी भाषा भवन उपकेंद्र का काम तुरंत शुरू कर निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश संबंधितों को दिए जाएं.  तदनुसार, मराठी भाषा भवन स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

मराठी भाषा संवर्धन का कार्य..

 मराठी भाषा भवन का मुख्य केंद्र मुंबई के चर्नी रोड पर और उपकेंद्र ऐरोली में स्थित होने का प्रस्ताव है.  ऐरोली में मराठी भाषा भवन उपकेंद्र का उपयोग मराठी भाषा के प्रचार और प्रसार के साथ-साथ संवर्धन कार्य के लिए किया जाएगा।






 


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