कर्णावती (गुजरात): ‘समन्वय परिवार गुजरात’ की ओर से ‘पूर्व शंकराचार्य भारतमाता मंदिर, हरिद्वार’ के द्वितीय संस्थापक पूज्य ब्रह्मलीन पद्मश्री स्वामी सत्यमित्रानंद गिरीजी महाराज की 93वीं जयंती के अवसर पर हाल ही में ‘वाल्मीकि संत सम्मेलन’ का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में उत्कृष्ट धर्मप्रचार कार्य के लिए सनातन संस्था का सम्मान भाजपा शासित गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने सनातन संस्था के गुजरात के साधक चंद्रशेखर कद्रेकर का शॉल और प्रमाणपत्र देकर सम्मान किया।
इस सम्मेलन में अध्यात्म, धर्म और राष्ट्र की सेवा कर रही सेवा भावी संस्थाओं का सम्मान किया गया, साथ ही राष्ट्र-धर्म के संदर्भ में संतों और अतिथियों ने मार्गदर्शन किया। सम्मेलन की शुरुआत संतों और गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा दीप प्रज्वलन और श्लोक पाठ से हुई। इसके बाद, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के हाथों राष्ट्र और धर्म के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाली संस्थाओं का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने कहा, ‘‘साधु-संतों के सनातन विचारों से ही धर्म चेतना जागृत होगी और राष्ट्र निर्माण का कार्य होगा। संतों के आशीर्वाद से धर्मशक्ति उत्पन्न होगी और भारत एक विकसित देश बनेगा।’’
पूज्य बालयोगी महाराज ने मार्गदर्शन करते हुए कहा, ‘‘आध्यात्मिक शक्ति से देश की उन्नति होगी और भारत विश्वगुरु का पद प्राप्त करेगा; इसलिए हमें धर्म के साथ राष्ट्र सेवा भी करनी चाहिए।’’ इस अवसर पर बालयोगीजी उमेशनाथजी महाराज (पीठाधीश्वर श्री क्षेत्र वाल्मीकि धाम, उज्जैन और राज्यसभा सदस्य), पूज्य निखिलेश्वरानंदजी महाराज (अध्यक्ष) रामकृष्ण आश्रम, राजकोट), डॉ. जयंतीभाई भादेशिया (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), आश्विनभाई जानी (गायत्री परिवार), विधायक दर्शनाबेन वाघेला और ‘वाल्मीकि समाज गुजरात’ के 161 संतों की वंदनीय उपस्थिति थी।