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दादरी से बिहार जाते समय श्रमिक सपेशल ट्रैन में बच्चे ने दम तोड़ा

दादरी से बिहार जा रही श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में 10 माह की बच्चे की हालत बिगड़ी और नहीं मिली कोई सरकारी मदद, बच्चे की हुई मौत टूंडला में इस बच्चे के परिवार को उतार कर कोरंटीन किआ गया है.. अब इस परिवार के तथा बच्चे की कोरोनावायरस मेडिकल परीक्षण की रिपोर्ट के आने का इंतजार किया जा रहा है उसके बाद ही नियमों के अनुसार बच्चे का अंतिम संस्कार किया जाएगा

दरअसल शनिवार की शाम को 4:00 बजे दादरी से ट्रेन में देवलाल अपने बेटा शेलेन्द्र, बेटी प्रियंका और उसके 10 माह के बेटा रौनक के साथ श्रमिक स्पेशल ट्रेन से  बिहार जा रहे थे। देवलाल भी बिहार के निवासी ही हैं लेकिन वह अपनी बेटी और धेवते को उसकी ससुराल में  पश्चिमी चंपारण जिले के नौतन गांव में जा रहे थे।  देवलाल नोएडा में  फुटपाथ पर कपड़े बेचने के लिए फङ लगाते हैं  क्योंकि अब उनको काम आगे मिलने की उम्मीद नहीं इसलिए वह अपने घर जाना चाहते थे और सोचा कि अपनी बेटी और धेवते को भी उसकी ससुराल में ही छोड़ आएं. लेकिन उनके धेवता के लिए आज का दिन का सफर आखिरी दिन साबित हुआ। देवलाल की माने तो दादरी से ट्रैन चलते ही 10 माह के बच्चे की तबीयत बिगड़ी उसको बुखार आ गया और उल्टियां होने लगी इस बच्चे के नाना देवलाल ने बताया कि यात्रियों ने कहा कि रेलवे के कंट्रोल रूम को बता दो । ताकि अलीगढ़ पर ट्रेन रोककर कुछ मदद मिल जाए लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। हमने रास्ते में कई बार चेन पुलिंग करके ट्रेन को भी रोकने की कोशिश की लेकिन ट्रेन नहीं मिली फिर किसी तरह टूंडला में जब ट्रेन रुकी तो हम इस बच्चे को लेकर सीधे स्टेशन मास्टर के कमरे में भागे जहां पर स्टेशन मास्टर ने डॉक्टर को बुलाया डॉक्टर को आने में भी आधा घंटे के करीब लग गया लेकिन जब डॉक्टर ने चेक किया तो उस बच्चे की मौत हो चुकी थी

दरअसल देव लाल की बेटी प्रियंका 6 माह पहले ही अपने बच्चे को लेकर नोएडा अपने पिता के पास आई थी। और देवलाल के पास रह रही थी लेकिन होली के बाद वह अपने वापस ससुराल  बिहार के पश्चिमी चंपारण के जिले नौतन गांव वापिस नहीं जा पाई इस बीच लॉक डाउन भी हो  गया और उसे पिता के पास ही रुकना पड़ा। आखिर इतने दिन रुकने के बाद फिर देवलाल अपनी बेटी को उसके ससुराल छोड़ने के लिए स्पेशल ट्रेन से निकल पड़े

 देवलाल शनिवार की शाम 4:00 बजे अपनी पत्नी कुसुम देवी, बेटा शैलेंद्र, बेटी प्रियंका और उसके 10 माह के बेटे रौनक के साथ दादरी स्टेशन पर बिहार के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन से रवाना हुए थे

। इससे टूंडला जीआरपी आरपीएफ में हड़कंप मच गया और ट्रेन में से इस परिवार को उतार लिया 10 माह के बच्चे के शव को मोर्चरी में रख दिया है तथा इनके परिवार को वीर सिंह इंटर कॉलेज में क्वारंटीन किआ गया है। शक है कि इनको कहीं कोरोना पॉजिटिव तो नहीं है ।जिससे बच्चे की मौत हो गई । कोरोनावायरस की रिपोर्ट आने के बाद ही इन को आगे जाने दिया जाएगा तब तक इनको क्वारंटीन में रखा गया है इनका यह भी कहना है कि रास्ते में इनको कोई सुविधा नहीं मिली।

बाइट: देवलाल बिहार निवासी ने कहा कि वह शाम को 4:00 बजे ट्रेन में बैठे थे उसी समय बच्चे की तबीयत खराब हुई उल्टी हुई लोगों ने कहा कि कंट्रोल रूम को फोन करो हमने कई बार फोन किए किसी ने फोन नहीं उठाया।। बाद में हमने चैन भी पुलिंग की लेकिन ट्रेन नहीं रुकी बाद में टूंडला में जब ट्रेन रुकी तो हमको लेने कोई नहीं आया। हम ट्रेन में से उतर कर बच्चे को लेकर स्टेशन मास्टर के कमरे में गए स्टेशन मास्टर ने डॉक्टर को बुलाया डॉक्टर आधा घंटे में आप आया। जब डॉक्टर ने चेक किया तो बच्चे की मौत हो चुकी थी। अब हम लोगों को रखा गया है ।ताकि हमारी रिपोर्ट आ जाए 

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