डॉ. मुखर्जी के बलिदान दिवस पर सभी वक्ताओं की एक राय
छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने भी देश ,देव व धर्म के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई
जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर सभी वक्ताओं की एक राय थी कि छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी देश ,देव व धर्म के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाए। मुंबई भाजपा के उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्र की अगुवाई में दीप कमल फ़ाउंडेशन के बैनरतले गुरुवार को डॉ मुखर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल , भाजपा के वरिष्ठ नेता आशीष शेलार व मुंबई भाजपा के अध्यक्ष मंगलप्रभात लोढ़ा, पूर्व उपमहापौर अरुण देव आदि उपस्थित रहे।
विलेपार्ले के दीनानाथ मंगेशकर सभागृह में आयोजित इस समारोह में पूर्व विधायक व शिक्षाविद अशोक मोडक को डॉ मुखर्जी स्मृति सम्मान प्रदान किया गया और शहीद महादेव शिंदे की माँ लता शिंदे को वीरमाता सम्मान से नवाँजा गया। सम्मानमूर्ति अशोक मोडक ने मुखर्जी के त्याग व बलिदान की कथा लोगों से साझा की। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि स्वतंत्र भारत में जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने के लिए जब परमिट सिस्टम चालू किया गया तब राष्ट्रवाद के अमर हुतात्मा व हिंदुत्व की सांस्कृतिक एकता के सबसे बड़े हिमायती डॉ मुखर्जी ने कहा कि एक देश मे दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नही चलेंगे,कहकर अपना बलिदान दिया।उन्होंने भाजपा नेता अमरजीत मिश्र की संस्था दीप कमल फ़ाउंडेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम इतिहास की किताबों में जिनके त्याग की कथा पढ़ते हैं उनके अलावा भी बहुत से महापुरुष हैं जिनके बारे में दीप कमल फ़ाउंडेशन लोगों से रूबरू करा रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता आशीष शेलार ने कहा कि जिस तरह छत्रपति शिवाजी महाराज ने देव , देश व धर्म की लड़ाई लड़ी, डॉ मुखर्जी भी उसी तरह देश की एकता अखंडता व धर्म की लड़ाई लड़े। आम व्यक्ति तक उनके त्याग व पुरुषार्थ की गाथा पहुँचनी चाहिए। संस्था के संयोजक भाजपा नेता अमरजीत मिश्र ने डॉ मुखर्जी द्वारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की पुनर्स्थापना के लिए चलाए गए अभियान पर प्रकाश डाला। संचालन पूर्व नगरसेवक विनोद शेलार ने किया। सभी ने जम्मू कश्मीर में आज़ादी के बाद से लागू धारा ३७० व अनुच्छेद ३५ ए की समाप्ति से घाटी में आई ख़ुशहाली पर संतोष जताया।