नामकरण के खिलाफ कोर्ट जाने वाले लोग महाविकास अघाड़ी के- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे का सपना पूरा
संभाजीनगर। छत्रपति संभाजी नगर और धाराशिव शहर का नाम बदलने पर हाईकोर्ट की मुहर लगने से हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे का सपना साकार हो गया है. नामकरण के खिलाफ कोर्ट जाने वाले लोग महाविकास अघाड़ी के हैं. इस फैसले से दोनों शहरों के नाम का विरोध करनेवालो को तमाचा लगा है, ऐसी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा।
महायुति उम्मीदवार संदीपान भुमरे के लिए प्रचार के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे संभाजी नगर दौरे पर हैं. नामकरण का विरोध करने वाली याचिका हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से बातचीत की. बॉम्बे हाई कोर्ट ने छत्रपति संभाजी नगर और धाराशिव दोनों नामों को मंजूरी दे दी है और इसके खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. मुख्यमंत्री ने जनभावना को ध्यान में रखते हुए फैसला देने के लिए हाई कोर्ट को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी संभाजीनगर और धाराशिव के नागरिकों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री के दो दिनों तक संभाजीनगर में रहने पर विपक्ष उनकी आलोचना करेगा. लेकिन मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि ठान कर बैठने से संभाजीनगर में सही कार्यक्रम होगा और महायुति उम्मीदवार संदीपन भुमरे की भारी मतों के अंतर से जीत होगी.
संभाजीनगर शिवसेना और महायुति का गढ़ है. बालासाहेब ठाकरे की दिली इच्छा थी कि नाम छत्रपति संभाजी नगर होना चाहिए. लेकिन जो लोग बालासाहेब की विरासत का दावा करते हैं, संपत्ति के उत्तराधिकारी हैं, उन्होंने हमारे सरकार से बाहर आने के बाद दिखावे के लिए संभाजीनगर की साजिश रची. लेकिन उनके पास बहुमत नहीं था, इसलिए यह निर्णय अवैध था. इसलिए सरकार बनने के बाद हमने संभाजी नगर पर फैसला किया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस फैसले पर आज हाई कोर्ट ने मुहर लगा दी और यह संभाजीनगर के लोगों के लिए भव्य बीज है।