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बांग्लादेशी घुसपैठियों की निष्कासन हेतु पुणे में हिंदू संगठनों का विशाल मोर्चा !



बांग्लादेशी घुसपैठियों की निष्कासन हेतु पुणे में हिंदू संगठनों का विशाल मोर्चा !

अंतिम बांग्लादेशी के देश से बाहर जाने तक 
हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति का आंदोलन जारी रहेगा!

     पुणे : देश की सुरक्षा के लिए प्रत्येक बांग्लादेशी घुसपैठिए को निष्कासित करें, उन्हें शरण देने वालों पर देशद्रोह के मामले दर्ज करें। संदेहास्पद क्षेत्रों में कोंबिंग ऑपरेशन चलाकर घुसपैठियों को खोजा जाए। पुलिस को पूरी स्वतंत्रता दी जाए ताकि वे पूरे देश को बांग्लादेशी घुसपैठियों से मुक्त कर सकें। जब तक अंतिम बांग्लादेशी घुसपैठिए को निष्कासित नहीं किया जाता, तब तक हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति का आंदोलन जारी रहेगा, ऐसा स्पष्ट वक्तव्य समिति के राष्ट्रीय संगठक सुनील घनवट ने ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरोध में निकाले गए मोर्चा’ में दिया।

     केंद्र और सभी राज्य सरकारों को देशभर में ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों की खोज अभियान’ चलाकर उन्हें ढूंढ निकालना चाहिए, उन पर कड़ी कार्रवाई कर देश से बाहर निकालना चाहिए। इसी मांग को लेकर हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति द्वारा पुणे के कसबा गणपति मंदिर से लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय तक एक विशाल मोर्चा निकाला गया । मोर्चा के समापन पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें यह मांग की गई कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की तलाश कर उन्हें देश से बाहर निकाला जाए।

     मोर्चा के दौरान उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया : ‘‘राष्ट्र की रक्षा हम करेंगे, राष्ट्ररक्षक कहलाएंगे। भगवा थामे संकल्प लिया है, हर बांग्लादेशी घुसपैठिया भगाएंगे!’’  इस मोर्चे में भाजपा, योग वेदांत समिति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, वंदे मातरम् संगठन, शिवसेना, बजरंग दल, श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान, श्री स्वामी समर्थ मंदिर (दिंडोरी प्रणीत), महाराष्ट्र मंदिर महासंघ, हिंदू जनजागृति समिति, रणरागिणी शाखा, वारकरी संप्रदाय, श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति ट्रस्ट, समस्त हिंदू आघाड़ी, पतीत पावन संगठन, स्वा. सावरकर स्मृति प्रतिष्ठान, राष्ट्र प्रथम प्रतिष्ठान, ॐ जय शंकर प्रतिष्ठान, सनातन संस्था सहित कई हिंदू संगठन एवं नेता उपस्थित थे।

     इस अवसर पर सुनील घनवट ने कहा कि देश के कई राज्यों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की भारी संख्या में उपस्थिति के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक अस्थिरता, अपराध दर, रोजगार संकट और फर्जी दस्तावेजों के जरिए बसने का संकट बढ रहा है। अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने अवैध प्रवासियों के विरुद्ध सख्त नीति अपनाई है। भारत को भी त्वरित रूप से ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए। प्रत्येक नागरिक को सतर्क रहकर इस मुद्दे पर आवाज उठानी चाहिए। जनता ने अगर एकजुट होकर मांग की तो सरकार को इस समस्या पर ध्यान देना ही पड़ेगा।

     हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि जब डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आए थे, तब उन्होंने अमेरिका से अवैध प्रवासियों को निष्कासित करने की शुरुआत की थी। उसी प्रकार भारत से भी सभी बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकाल देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली सरकार के दौरान 16 मई के दिन यह कहा था कि सभी बांग्लादेशी अपनी बैग बांधकर तैयार रहें। तो अब हमें किस 16 मई का इंतजार करना चाहिए? वर्ष 2025 का 16 मई अंतिम होना चाहिए!



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